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Last Updated : मंगलवार, 7 जनवरी 2025 (15:45 IST)

तिब्बत में भूकंप, चीन ने पर्यटकों को माउंट एवरेस्ट जाने से क्यों रोका?

mount everest
Tibet Earthquake news in hindi : चीन ने मंगलवार को तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के डिंगरी काउंटी में आए 6.8 तीव्रता के भूकंप के बाद माउंट एवरेस्ट के अपने हिस्से के रमणीय क्षेत्रों को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया। माउंट एवरेस्ट को माउंट क्यूमोलंगमा के नाम से भी जाना जाता है। डिंगरी दुनिया की सबसे ऊंची चोटी का आधार शिविर है।
 
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, भूकंप के बाद कर्मचारी और पर्यटक सुरक्षित हैं। भूकंप मंगलवार को बीजिंग के समयानुसार सुबह 9:05 बजे आया। क्षेत्रीय आपदा राहत मुख्यालय के अनुसार, भूकंप में 95 लोगों की मौत हो गई और 130 घायल हो गए। ALSO READ: तिब्बत के सबसे पवित्र शहर शिगाजे में भूकंप से तबाही, 95 की मौत, 130 घायल
 
भूकंप का केंद्र डिंगरी काउंटी के त्सोगो कस्बे में स्थित था, जहां 20 किलोमीटर की परिधि में लगभग 6,900 लोगों की आबादी रहती है। इस क्षेत्र में 27 गांव हैं। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि डिंगरी काउंटी की आबादी 61,000 से अधिक है।
 
भूकंप के बाद, चीन भूकंप प्रशासन ने स्तर-दो की आपात सेवा प्रतिक्रिया शुरू की। आपदा राहत प्रयासों में सहायता के लिए एक कार्य दल को घटनास्थल पर भेजा। केंद्रीय प्राधिकारियों ने भूकंप प्रभावित क्षेत्र में करीब 22,000 आपदा राहत सामग्री भेजी है, जिनमें तंबू, कोट, रजाई और फोल्डिंग बिस्तर के साथ-साथ ऊंचाई वाले और ठंडे क्षेत्रों के लिए विशेष राहत सामग्री भी शामिल है। घटनास्थल पर 1,500 से अधिक स्थानीय अग्निशमन कर्मियों और बचावकर्मियों को भी भेजा गया है।
 
डिंगरी संस्कृति और पर्यटन ब्यूरो के हवाले से सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि दर्शनीय क्षेत्र में होटल की इमारतें और आस-पास के इलाके बरकरार हैं। हालांकि, डिंगरी में स्थित चीनी विज्ञान अकादमी के वायुमंडलीय और पर्यावरण अनुसंधान के लिए क्यूमोलंगमा स्टेशन में बिजली गुल है। इसके बावजूद, सुविधाएं अच्छी स्थिति में हैं।
 
चीन-नेपाल सीमा पर स्थित, माउंट क्यूमोलंगमा 8,840 मीटर से अधिक ऊंचाई पर है, जिसका उत्तरी भाग तिब्बत में स्थित है। इसे चीन जिजांग कहता है। माउंट क्यूमोलंगमा के चीनी हिस्से में 2024 में 13,764 विदेशी पर्यटक आए, जो 2023 में दर्ज की गई संख्या से दोगुने से भी अधिक हैं। अधिकतर पर्यटक सिंगापुर, मलेशिया, जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों से थे।
 
गौरतलब है कि तिब्बती पठार को शक्तिशाली भूकंप संभावित क्षेत्र माना जाता है, क्योंकि यह उस स्थान पर स्थित है जहां टेक्टोनिक यूरेशियन और भारतीय प्लेटें मिलती हैं और अक्सर अत्यधिक बल के साथ टकराती हैं।
Edited By : Nrapendra Gupta
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