ब्रिटेन के साथ मतभेद टालने के इच्छुक हैं जिनपिंग
बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग ने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे से कहा है कि दोनों देशों को एक-दूसरे के मुख्य हितों का सम्मान करते हुए मतभेदों को सुलझाने के लिए आपसी सहमति का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए।
जिंगपिंग का यह बयान हाल में हांगकांग को लेकर विवाद के मुद्दे पर सामने आया है। चीन ने पिछले माह कहा था कि हांगकांग को लेकर दोनों देशों का 1997 में जारी हुआ संयुक्त घोषणा पत्र अब महज ऐतिहासिक दस्तावेज है और उसका अब कोई व्यावहारिक महत्व नहीं रह गया है।
ब्रिटेन ने इसके जवाब में कहा था कि दोनों देशों के बीच जारी घोषणापत्र कानूनी तौर पर एक वैध संधि है जिसे इसे कायम रखने के लिए चीन प्रतिबद्ध है। चीन का कहना है कि हांगकांग चीन का अंदरुनी मामला है और किसी दूसरे देश को इस में दखल देने का अधिकार नहीं है।
चीन के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि दोनों नेताओं की मुलाकात जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर जर्मनी के हैमबर्ग में शुक्रवार को हुई। शी ने मे से कहा कि परस्पर विश्वास को मजबूत करने के आधार पर द्विपक्षीय संबंधों को विकसित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को पारस्परिक सम्मान और समानता के सिद्धांत को बनाए रखना चाहिए और एक-दूसरे के मुख्य हितों और चिंताओं का सम्मान करना चाहिए। मतभेदों को निपटाने के लिए दोनों पक्षों को आम सहमति बनानी चाहिए, हालांकि इस बयान में सीधे तौर पर हांगकांग का जिक्र नहीं किया गया है।
इससे पहले बुधवार को ब्रिटेन के विदेश विभाग के कार्यालय ने बताया था कि एशिया और प्रशांत क्षेत्र के राज्यमंत्री मार्क फिल्ड ने लंदन में चीन के राजदूत लियू शिओमिंग से मुलाकात कर संयुक्त घोषणा पत्र पर ब्रिटेन की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा था कि संयुक्त राष्ट्र के साथ पंजीकृत यह घोषणापत्र जुलाई 2047 तक मान्य है जिसके परिणामस्वरूप, उन्होंने चीनी सरकार के बयान को स्वीकार नहीं किया कि यह केवल एक ऐतिहासिक दस्तावेज है। (वार्ता)