आत्मघाती हमलों के लिए हो रहा है पाकिस्तानी बच्चों का इस्तेमाल
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र की गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में सशस्त्र समूह बच्चों को लगातार भर्ती कर रहे हैं और वे उनका इस्तेमाल कथित तौर पर आत्मघाती हमलों के लिए करते हैं। इनमें मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे भी शामिल हैं।
‘बच्चे एवं सशस्त्र संघर्ष’ विषय पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों ने ऐसे वीडियो जारी किए हैं जिनमें उन्हें बताया जा रहा है कि आत्मघाती हमले किस तरह किए जाते हैं। रिपोर्ट जनवरी से दिसंबर 2017 तक की अवधि की है।
इसमें कहा गया है, संयुक्त राष्ट्र को पाकिस्तान में सशस्त्र समूहों द्वारा बच्चों की भर्ती किए जाने और उनका इस्तेमाल आत्मघाती हमलों के लिए किए जाने के आरोपों को लेकर लगातार खबरें मिलती रही हैं। इनमें मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे भी शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, जनवरी में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने एक वीडियो जारी किया जिसमें लड़कियों सहित बच्चों को सिखाया जा रहा है कि आत्मघाती हमले किस तरह किए जाते हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि वह सशस्त्र समूहों द्वारा स्कूलों पर लगातार हमले किए जाने, खासकर लड़कियों की शिक्षा को निशाना बनाए जाने से चिंतित हैं।
उन्होंने पाकिस्तान सरकार से कहा कि वह भविष्य में स्कूलों पर हमले रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की प्राथमिकता तय करे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आम नागरिकों के मारे जाने के संबंध में आयु संबंधी डेटा सीमित है, लेकिन सशस्त्र समूहों के हमलों में बच्चों के मारे जाने और घायल होने की खबरें लगातार मिलती रहीं हैं। इसमें सिंध प्रांत के सेहवान में हुए आत्मघाती हमले का जिक्र किया गया, जिसमें 20 बच्चों सहित कम से कम 75 लोग मारे गए थे। (भाषा)