मध्यप्रदेश में वीवीपैट मशीन से होंगे विधानसभा चुनाव
मध्यप्रदेश में 2018 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानी की वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत का कहना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में 100 प्रतिशत वीवीपैट मशीनों का प्रयोग किया जाएगा, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव में नई इवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का भी प्रयोग किया जाएगा।
इस मशीन की मदद से मतदाताओं द्वारा दिए गए वोट का पुनः परीक्षण किया जा सकेगा। चुनाव आयोग का मानना है कि इस मशीन का प्रयोग करने से चुनाव में पारदर्शिता बढ़ेगी। वीवीपैट को ईवीएम के साथ ही रखा जाएगा।
जब मतदाता अपनी पसंद ईवीएम पर दबाएगा तब वीवीपैट से एक पर्ची निकलेगी जिसमें मतदाता के दबाए हुए प्रत्याशी व उसकी पार्टी का नाम एवं चिन्ह पर्ची पर दिखाई देगा, जिसे मतदाता पढ़ सकता है और उसे अपने दिए हुए मत की पुष्टि हो जाएगी, लेकिन यह पर्ची मतदाता को सिर्फ सात सेकंड के लिए ही दिखाई देगी और फिर स्वयं ही कटकर डब्बे में गिर जाएगी।
पर्ची के डब्बे में गिरते ही बीप की आवाज़ सुनाई देगी, जो इस बात का संकेत होगी कि मतदान की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। सात सेकंड का समय कम होने के विषय में पूछे जाने पर ओपी रावत ने अपनी कलाई पर बंधी घड़ी की ओर देखते हुए कहा कि सात सेकंड का समय मत के पुनः परीक्षण के लिए काफी है। यह मशीन आने वाले चुनावों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी।
पिछले चुनावों में इसमें हुई गड़बड़ियों में सुधार किया जा रहा है, ताकि वही गलतियां फिर न दोहराई जाएं। चुनाव आयोग इन मशीनों में हुई सभी गड़बड़ियों पर काम कर रहा है। यह मशीनें बहुत ही संवेदनशील हैं, इसलिए इन्हें धूप से बचाने की सख्त ज़रुरत है।