अमेरिका में इस्लामिक-कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन
वॉशिंगटन। अमेरिका के कई राज्यों और शहरों में इस्लामिक कानून, शरिया' के खिलाफ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनों को मुस्लिम-विरोधी बताया जा रहा है और मानवाधिकार संगठनों ने इन प्रदर्शनों की सख्त आलोचना की है। 'एक्ट फॉर अमेरिका' नाम के लोकप्रिय दक्षिणपंथी संगठन की अपील पर करीब 20 राज्यों के कम से कम 28 शहरों में लोगों ने इन प्रदर्शनों में हिस्सा लिया।
अमेरिका की गैर-सरकारी कानूनी संस्था एसपीएलसी के मुताबिक, एक्ट फॉर अमेरिका, एक कट्टरपंथी संगठन है। इसे अमेरिका का सबसे बड़ा मुस्लिम-विरोधी संगठन भी माना जाता है। एक्ट फॉर अमेरिका की नींव साल 2007 में रखी गई थी। संगठन का कहना है कि उसके 5 लाख से भी ज्यादा सदस्य हैं। यह संगठन डोनाल्ड ट्रंप का भी खूब समर्थन करता है।
इस संगठन ने हाल के सालों में मुस्लिमों और शरणार्थियों के खिलाफ कड़े कानून बनाए जाने के लिए भी बढ़-चढ़कर अभियान चलाया है। एक ओर जहां एक्ट फॉर अमेरिका की अपील पर बड़ी संख्या में लोग शरिया कानूनों के खिलाफ विरोध करने सड़कों पर उतरे तो वहीं कई शहरों में इन प्रदर्शनों के खिलाफ भी मार्च निकाला गया। कई जगहों पर दोनों तरफ के प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई।
प्रदर्शन से पहले अल-जजीरा से बात करते हुए काउंसिल ऑफ अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस के निदेशक कोरी सेलर ने इन प्रदर्शनों को 'इस्लामोफोबिक' बताया। उन्होंने कहा कि ये विरोध प्रदर्शन उस विचारधारा का हिस्सा हैं जिनके कारण मुस्लिमों के खिलाफ होने वाली हिंसा को सही ठहराया जाता है।
एक्ट फॉर अमेरिका की वेबसाइट पर कहा गया है कि शरिया (इस्लामिक कानून) मानवाधिकारों व अमेरिकी कानूनों के खिलाफ है। खबरों के मुताबिक, इन शरिया-विरोधी प्रदर्शनों के खिलाफ उदारवादी ऐंटी-फासिस्ट संगठन ने भी अपना अलग मार्च निकाला। कुछ शहरों में दोनों पक्षों के बीच झड़प की भी खबरें हैं।