गर्भावस्था में मीठे पेय से बच्चों में बढ़ता है दमा का खतरा
बोस्टन। गर्भावस्था के दौरान मां के चीनी युक्त मीठे पेय का बहुत ज्यादा सेवन करने से उनके बच्चों को सात से आठ साल की उम्र में दमा होने का खतरा बढ़ जाता है। एक नए अध्ययन में यह चेताया गया है।
अमेरिका के हारवर्ड मेडिकल स्कूल के शेरिल एल रिफास शिमान ने बताया, पूर्व अध्ययनों में अत्यधिक फ्रूक्टोज वाले कॉर्न सिरप से मीठे किए गए पेय पदार्थों के सेवन को बच्चों में दमा से जोड़कर देखा गया है, लेकिन इस बारे में बहुत कम जानकारी है कि शुरुआती विकास के कौन से चरण में फ्रूक्टोस के सेवन से बाद में सेहत पर फर्क पड़ता है। पहली और दूसरी तिमाही (गर्भावस्था की) के बाद इस अध्ययन में हिस्सा लेने वाली मांओं ने अपने भोजन और सोडा व फलों से बने पेय के बारे में पूछे गए प्रश्नों का जवाब दिया।
उनके बच्चों के तीन साल का हो जाने के बाद मांओं ने अपने बच्चों के भोजन और पेय से संबंधित प्रश्नावली को पूरा किया। इन जवाबों के आधार पर अनुसंधानकर्ताओं ने फ्रूक्टोज की मात्रा और बच्चों में होने वाले दमा के बीच संबंध देखा।
रिफास शिमान ने बताया, गर्भावस्था और बाल्यावस्था के दौरान चीनी युक्त पेय के कम सेवन से बचपन में होने वाले दमा के खतरे को कम किया जा सकता है। यह अध्ययन एनल्स ऑफ द अमेरिकन थोरेसिक सोसाइटी में प्रकाशित हुआ है। (भाषा)