यूएई में मुस्लिम संवाद के साथ पोप फ्रांसिस ने रचा इतिहास
अबू धाबी। पोप फ्रांसिस संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की यात्रा करने वाले दुनिया के 1.3 अरब कैथोलिकों के पहले नेता हैं। वे मुस्लिमों से संवाद करने के अपने प्रयासों के तहत सोमवार को यूएई में विभिन्न धर्मों के लोगों की बैठक में हिस्सा लेंगे।
पोप फ्रांसिस ब्लैक कीया कार में सवार होकर अबू धाबी के राष्ट्रपति के महल पहुंचे। वहां भव्य सैन्य परेड के साथ उनका स्वागत किया गया। अधिकारियों ने हवा में 21 गोलियां दागीं जबकि आकाश में जेटों ने उड़ान भरकर सफेद और पीले निशान छोड़े। यह वेटिकन शहर के ध्वज का रंग है। पोप की संयुक्त अरब अमीरात की बहुप्रचारित 48 घंटे की यात्रा में मंगलवार को वे सामूहिक प्रार्थना की अगुवाई करेंगे। इसे यूएई के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी सभा के तौर पर देखा जा रहा है।
पोप के अबू धाबी के वली अहद (क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन जायद के साथ बातचीत में यमन का मुद्दा उठाने की उम्मीद है। यमन युद्ध से तबाह हो गया है जिसमें यूएई एक अहम भागीदार है। शेख मोहम्मद ने सोमवार को कहा कि यूएई के शासक सहिष्णुता से भरे हमारे देश में पोप से मिलकर खुश हैं।
उन्होंने कहा कि हमने सहयोग बढ़ाने, बातचीत को ठोस करने, सहिष्णुता, मानव सहअस्तित्व और लोगों तथा समाज के लिए शांति, स्थिरता और विकास हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण पहल पर चर्चा की। अबू धाबी की धरती पर रविवार रात को कदम रखकर इतिहास बनाने वाले पोप फ्रांसिस ने कहा कि वे एक भाई के तौर पर आए हैं ताकि एकसाथ वार्ता का पन्ना लिख सकें और शांति के पथ पर साथ मिलकर चल सकें।
इस अवसर पर पोप ने वली अहद को 1219 में सेंट फ्रांसिस असीसी और मिस्र के सुल्तान मलिक अल-कामिल के बीच मुलाकात का फ्रेम किया हुआ पदक भेंट किया। शेख मोहम्मद ने बदले में उन्हें उस भूखंड का दस्तावेज दिया जिस पर यूएई में प्रथम चर्च का निर्माण किया गया था।
पोप सोमवार को काहिरा के अल अजहर सुन्नी इस्लाम के प्रतिष्ठित आसन के इमाम शेख अहमद अल-तय्यब से मिलने वाले हैं। शेख अहमद ने पोप के यूएई की राजधानी अबू धाबी पहुंचने पर रविवार रात को गले लगाकर उनका स्वागत किया। अमीरात के वली अहद भी पोप की अगवानी करने के लिए हवाई अड्डे पर मौजूद थे।
पोप फ्रांसिस ने ईसाई धर्म और इस्लाम के बीच संबंधों को मजबूत बनाने को अपने कार्यकाल का महत्वपूर्ण एजेंडा बनाया है। मंगलवार को रोम वापसी से पहले वे अबू धाबी में एक स्टेडियम में सामूहिक प्रार्थना की अगुवाई करेंगे। (भाषा)