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Last Updated : शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2025 (08:48 IST)

ट्रंप ने पीएम मोदी को सुनाई खुशखबर, जल्द होगा तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण

पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की प्रेस कॉन्फ्रेस में टैरिफ से लेकर आतंकवाद तक पर बात हुई। राष्‍ट्रपति ट्रंप ने तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने का एलान किया।

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PM Modi meets with Donald Trump : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन डीसी के व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद हुई पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की प्रेस कॉन्फ्रेस में टैरिफ से लेकर आतंकवाद तक पर बात हुई। राष्‍ट्रपति ट्रंप ने तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने का एलान किया। 
 
डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी के सामने ऐलान कर दिया कि अमेरिका तहव्वुर राणा को प्रत्यर्पित कर देगा। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे चुका है। ALSO READ: टैरिफ पर क्या है डोनाल्ड ट्रंप की नीति, भारत के लिए कब लागू होगा स्पेशल टैरिफ
 
ट्रंप ने कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरे प्रशासन ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं में से एक तहव्वुर राणा और दुनिया के सबसे बुरे लोगों में से एक के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है।
 
इस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और अमेरिका एक साथ खड़े रहेंगे। हम इस बात पर सहमत हैं कि सीमा पार आतंकवाद के खात्मे के लिए ठोस कार्रवाई आवश्यक है। मैं राष्ट्रपति का आभारी हूं कि उन्होंने 2008 में भारत में नरसंहार करने वाले अपराधी को अब भारत के हवाले करने का निर्णय किया है। भारत की अदालतें उसके खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगी।
 
कौन है तहव्वुर राणा :  तहव्वुर राणा को पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का साथी माना जाता है, जो 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। उसका जन्म पाकिस्तान में हुआ और वह पेशे से डॉक्टर है। भारत उसके प्रत्यर्पण को लेकर अनुरोध कर रहा था। राणा पर लगाए गए आरोप अमेरिका और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि की शर्तों के अंतर्गत आते हैं।
 
क्या है उसका 2008 का मुंबई हमला: 26 नवंबर 2008 को समुद्र के रास्ते पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों ने मुंबई में सिलसिलेवार हमले किए थे जिसमें 166 लोगों की मौत हो गई थी। इन 10 आतंकवादियों में अजमल कसाब भी शामिल था जिसे जिंदा पकड़ लिया गया था और फिर उसके खिलाफ मुकदमा चलाया गया था। विशेष अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई थी। दोषी करार दिए जाने के 2 साल बाद नवंबर 2012 में पुणे की यरवदा केंद्रीय जेल में उसे फांसी दे दी गई थी।
 
2 दिन मंबई में रुका था राणा : मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमलों के मामले में पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा के खिलाफ दायर पूरक आरोप पत्र में मुंबई पुलिस ने उल्लेख किया है कि वह हमलों से पहले 21 नवंबर तक 2 दिन के लिए पवई उपनगर में स्थित रेनेसां होटल में ठहरा था। आरोपपत्र में उल्लेख किया गया है कि तहव्वुर हुसैन राणा 11 नवंबर, 2008 को भारत आया था और 21 नवंबर तक देश में रहा।
 
राणा का मुंबई हमले से कनेक्शन : राणा ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हेडली को भारतीय पर्यटक वीजा दिलाने में मदद की थी। राणा ने कथित तौर पर 26/11 के आतंकवादी हमलों को अंजाम देने में लश्कर-ए-तैयबा की मदद की थी। अपराध शाखा को हेडली और राणा के बीच ई-मेल संवाद मिला है।
 
26/11 के आतंकवादी हमलों से संबंधित ई-मेल में से एक में हेडली ने मेजर इकबाल की ई-मेल आईडी के बारे में पूछा था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के लिए काम करने वाले मेजर इकबाल को 26/11 आतंकी साजिश मामले में आरोपी के रूप में नामजद किया गया है।
edited by : Nrapendra Gupta