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Last Modified: गुरुवार, 15 सितम्बर 2016 (17:14 IST)

प्लूटो ने किया अपने सबसे बड़े उपग्रह को लाल : नासा

International news
वॉशिंगटन। प्लूटो के सबसे बड़े उपग्रह कैरन के ध्रुवीय क्षेत्र का लाल होना दरअसल इस बर्फीले  ग्रह के वातावरण से मीथेन गैस के पलायन करने का परिणाम है। नासा के अंतरिक्ष यान न्यू  होराइजन्स ने पिछले साल सबसे पहले इस रंगीन क्षेत्र की पहचान की थी। अब वैज्ञानिकों ने  इसके पीछे के रहस्य को सुलझा लिया है।
 
शोधकर्ताओं ने कहा कि मीथेन गैस प्लूटो के वातावरण से पलायन कर जाती है और उपग्रह के  गुरुत्व के कारण बंध जाती है, फिर यह जम जाती है और कैरन के ध्रुव पर बर्फीली सतह के  रूप में तब्दील हो जाती है।
 
उन्होंने कहा कि सूर्य की पराबैंगनी किरणों की रासायनिक प्रक्रिया के कारण मीथेन भारी  हाइड्रोकार्बन में बदल जाती है और फिर वह थोलिंस नामक लाल कार्बनिक पदार्थ में तब्दील हो  जाती है।
 
अमेरिका की लॉवेल ऑब्जर्वेटरी में न्यू होराइजन्स के सह-जांचकर्ता ने कहा कि किसने सोचा  होगा कि प्लूटो एक कलाकार है, जो अपने साथी को लाल रंग में रंग सकता है। इस लाल क्षेत्र  का आकार न्यू मैक्सिको जितना है। 
 
न्यू होराइजन्स ने कैरन के दूसरे ध्रुव के बारे में भी आकलन किया है। यह ध्रुव अभी अंधकार  में है। इसे न्यू होराइजन्स ने प्लूटो से परावर्तित होकर आते प्रकाश की मदद से ही देखा है।  उसने यह पुष्टि की है कि कैरन के दूसरे ध्रुव पर भी ऐसा ही हो रहा है। (भाषा)
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