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  4. Pakistan should learn from America, hand over Hafiz Saeed, Lakhvi to us Indian Ambassador
Last Updated : मंगलवार, 20 मई 2025 (11:40 IST)

अमेरिका से सीखे पाकिस्तान, हाफिज सईद, लखवी को हमें सौंपे: भारतीय राजदूत

Hafiz Saeed
इजराइल में भारत के राजदूत जे पी सिंह ने कहा है कि जैसे अमेरिका ने 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले के प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक तहव्वुर हुसैन राणा को भारत को सौंपा था उसी तरह पाकिस्तान को प्रमुख आतंकवादियों हाफिज सईद, साजिद मीर और जकीउर रहमान लखवी को भारत को सौंप देना चाहिए। सिंह ने आतंकवाद को वैश्विक खतरा बताते हुए इसके खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाने का भी आह्वान किया।

इजराइली टीवी चैनल ‘आई24’ को सोमवार को दिए गए साक्षात्कार में सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ‘रोका गया’ है, यह ‘‘खत्म नहीं हुआ है’’। उन्होंने इस संबंध में घटनाक्रम की पूरी जानकारी दी कि भारत को कार्रवाई क्यों करनी पड़ी और कहा कि यह अभियान पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी संगठनों के खिलाफ था।

भारतीय राजदूत ने 22 अप्रैल के पहलगाम हमले को लेकर कहा, ‘‘आतंकवादियों ने लोगों को उनके धर्म के आधार पर मारा। उन्होंने लोगों को मारने से पहले उनसे उनके धर्म के बारे में पूछा और 26 निर्दोष लोगों की जान ले ली।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत का अभियान आतंकवादी संगठनों और उनके बुनियादी ढांचे के खिलाफ था लेकिन पाकिस्तान ने बदला लेते हुए भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला कर दिया।’’

भारत में पाकिस्तान की तरफ से किए गए आतंकवादी हमलों की लंबी सूची का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘इनका मूल कारण आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा हैं।’’ सिंह ने कहा कि मुंबई हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था लेकिन उसके सरगना अब भी खुलेआम घूम रहे हैं। मुंबई हमले में कई यहूदी भी मारे गए थे।

राजदूत ने जोर देकर कहा, ‘‘उन्हें एक बहुत ही सरल काम करने की जरूरत है - जब प्रस्तावना में सद्भावना और मित्रता शामिल है, तो उन्हें बस इन आतंकवादियों को हमें सौंपने की जरूरत है।’’ राजदूत ने इस बात का जिक्र किया कि अमेरिका ने हाल ही में राणा को प्रत्यर्पित किया है जो मुंबई हमले में शामिल था। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद भी ऐसा ही कर सकता है।

उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘जब अमेरिका इन अपराधियों को सौंप सकता है, तो पाकिस्तान क्यों नहीं सौंप सकता? उन्हें बस हाफिज सईद, लखवी, साजिद मीर को सौंपना है और मामला खत्म हो जाएगा।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों देशों के बीच बनी सहमति भारत के लिए ‘मामले का अंत’ है, उन्होंने कहा, ‘‘ संघर्षविराम अभी जारी है, लेकिन हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि ऑपरेशन सिंदूर रोका गया है, समाप्त नहीं किया गया।’’

सिंह ने कहा, ‘‘आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। हमने एक नई सामान्य स्थिति स्थापित की है और नई सामान्य स्थिति यह है कि हम आक्रामक रणनीति का पालन करेंगे। आतंकवादी जहां कहीं भी हों, हमें उन आतंकवादियों को मारना होगा और उनके बुनियादी ढांचे को नष्ट करना होगा। इसलिए यह अब भी खत्म नहीं हुआ है, लेकिन संघर्ष विराम कायम है।’’

सिंह ने पाकिस्तान के नूर खान बेस पर 10 मई को किए गए भारत के हमले को ‘गेम चेंजर’ करार दिया और कहा कि इससे पाकिस्तान में दहशत फैल गई और उनके सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) ने अपने भारतीय समकक्ष से संघर्षविराम की मांग की।
 
सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) के निलंबन के प्रश्न पर भारतीय राजदूत ने कहा कि संधि को निर्देशित करने वाले दो प्रमुख शब्दों का कभी सम्मान नहीं किया गया, बल्कि भारत हमेशा ही पाकिस्तान से होने वाले आतंकवादी हमलों के खिलाफ संघर्ष करता रहा है।
 
सिंह ने कहा, ‘‘आईडब्ल्यूटी पर 1960 में हस्ताक्षर किए गए थे और संधि की प्रस्तावना में दो प्रमुख शब्द शामिल हैं - सद्भावना और मैत्री....पिछले कई वर्षों में हमने देखा है कि हम पानी को बहने दे रहे थे और पाकिस्तान क्या कर रहा था - वे भारतीय सीमा में आतंकी (हमलों) को होने दे रहे थे।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों में इस बात को लेकर बहुत निराशा थी कि यह इस तरह जारी नहीं रह सकता। हमारे प्रधानमंत्री ने कहा कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते और यही कारण है कि हमने इस सिंधु जल संधि को स्थगित करने का फैसला किया।’’
 
भारतीय राजदूत ने कहा, ‘‘आतंकवाद रुकना चाहिए।’’ आतंकवाद को एक वैश्विक खतरा बताते हुए भारतीय राजदूत ने इस चुनौती का सामना कर रहे देशों के बीच अधिक सहयोग का आह्वान किया। 
Edited By : Navin Rangiyal (भाषा) 
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