पाकिस्तान में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारें कम और सैन्य तानाशाह ज्यादा रहे हैं। यहां जब भी लोकतांत्रिक तरीके से सरकारें चुनी गईं, उसके कुछ समय बाद ही किसी न किसी बहाने उन्हें बर्खास्त किया जाता रहा। लोकतंत्र के अस्थिर होने का खामियाजा न केवल यहां की जनता को भुगतना पड़ता है, बल्कि भारत समेत तमाम पड़ोसी मुल्कों भी को उठाना पड़ता है। यहां लोकतंत्र के मजबूत नहीं होने की बड़ी वजह है सेना का हस्तक्षेप।
पाकिस्तान में बुधवार यानी 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव के लिए दो महीने से चल रहा प्रचार का दौर आज आधी रात को समाप्त हो जाएगा। इसके मद्देनजर विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवार और नेता जनसभाओं, नुक्कड़ सभाओं और घर-घर जाकर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की आखिरी कोशिशों में लगे हुए हैं।
हालांकि पाकिस्तान में आम चुनाव को लेकर मतदाताओं में बहुत अधिक उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है और सुरक्षा की स्थिति भी तनावपूर्ण बनी हुई है। पाकिस्तान में कुल 342 सीटों के लिए मतदान होगा। इसमें से 272 सीटों पर सीधे चुनाव होंगे, जबकि 70 सीटें आरक्षित हैं। आइए, आपको बताते हैं 'पाकिस्तान आम चुनाव 2018' से जुड़ी खास बातें...
12570 से अधिक उम्मीदवार मैदान में : आम चुनाव में पाकिस्तान के कई कट्टर मौलवियों सहित 12570 से अधिक उम्मीदवार संसद और चार प्रांतीय विधानसभाओं के लिए चुनावी मैदान में हैं। नेशनल असेंबली के लिए 3675 और प्रांतीय विधानसभाओं के लिए 8895 उम्मीदवार चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं। पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने कहा है कि नियमों के मुताबिक प्रचार अभियान मध्यरात्रि तक खत्म हो जाना चाहिए, ताकि मतदाताओं को सोच-विचार का समय मिले और वे 25 जुलाई को होने वाले मतदान में हिस्सा लेने की तैयारी कर सकें।
पीएमएल (एन) और पीटीआई के बीच मुख्य लड़ाई : पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएल-एन और क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की पार्टी पीटीआई के बीच चुनाव में कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है। वहीं बिलावल भुट्टो जरदारी की अगुवाई वाली द पाकिस्तान पिपुल्स पार्टी (पीपीपी) भी रेस में है। पाकिस्तान में कुल 110 राजनीतिक पार्टियां हैं। जिसमें से 30 सक्रिय हैं और अधिकतर चुनाव में अपना भाग्य आजमा रही हैं। 10 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले इस प्रांत को जीतने वाले के पास ही केंद्र में सरकार बनाने की चाबी होगी।
नेशनल असेंबली की कुल 272 सीटों में से 141 सीटें देश के सबसे सघन आबादी वाले राज्य पंजाब से आती हैं। जिस किसी को पंजाब में ज्यादा सीटें मिलेंगी वही केंद्र में सरकार बनाएगा। 2013 में हुए चुनावों में पीएमएल-एन को पंजाब में भारी जीत मिली थी, लेकिन इस बार पीएमएल-एन और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के बीच कड़ी टक्कर है। पाकिस्तान में पुख्ता गठबंधन सरकार बनाने के लिए पीटीआई को कम से कम 110 नेशनल असेंबली सीटों की जरूरत है।
चुनाव आयोग ने दी इमरान खान को हिदायत, अनुचित भाषा के इस्तेमाल से बचें : पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान को चेतावनी दी है कि वह अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के लिए अनुचित भाषा का इस्तेमाल नहीं करें। आयोग ने इमरान को यह चेतावनी तब दी है जब पिछले दिनों उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के समर्थकों को 'गधा' करार दिया था।
अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए शरीफ और उनकी बेटी मरियम की पाकिस्तान वापसी से एक दिन पहले इमरान ने कहा था हवाई अड्डे पर शरीफ का स्वागत करने के लिए जो भी जाएगा, वह निश्चित तौर पर गधा होगा। पीएमएल-एन कार्यकर्ताओं ने इमरान की टिप्पणी पर कड़ा विरोध जताया था और सेनेट के अगले सत्र में जमकर हंगामा हुआ था, जिसमें दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे पर खूब हमले बोले थे। इसके बाद पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान खान को चुनाव प्रचार के दौरान अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने से रोक दिया।
सिंध प्रांत से आयोग के सदस्य अब्दुल गफ्फूर सूमरो की अगुआई वाले आयोग ने अवान से कहा कि जब बड़े नेता ऐसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं तो दुनिया में पाकिस्तान की अच्छी छवि नहीं जाती। अवान ने शुरू में इमरान की ओर से अभद्र शब्दों के इस्तेमाल का बचाव किया, लेकिन बाद में वे झुके और चुनाव आयोग को आश्वस्त किया कि उनके मुवक्किल निर्देशों का पालन करेंगे।
साढ़े 10 करोड़ से ज्यादा मतदाता लेंगे हिस्सा : आम चुनावों में 105955407 मतदाता हिस्सा लेंगे। मतदान के लिए 85000 से ज्यादा पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। 2013 के चुनावों में 55 फीसदी वोट पड़े थे। पाकिस्तान में अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सहित कई कद्दावर नेताओं के खिलाफ अदालती मामलों के कारण देश में अनिश्चितता का माहौल है। इस बार चुनावों में भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा है और तमाम पार्टियां इसको जोरशोर से उठा रही हैं।
अब तक 180 लोगों की जा चुकी है जान : पाकिस्तान के आम चुनाव में आतंकियों का भी साया है। इस बार आतंकियों के आत्मघाती हमलों से चुनाव अभियान काफी प्रभावित हुआ है। पिछले दो सप्ताह में हुए हमलों में तीन उम्मीदवारों सहित 180 लोगों की जान जा चुकी है।