शनिवार, 27 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. NGOs, Government of India, American NGO
Written By
Last Modified: शनिवार, 3 दिसंबर 2016 (16:41 IST)

भारत में एनजीओ पर पाबंदी, अमेरिकी संसद में होगी सुनवाई

भारत में एनजीओ पर पाबंदी, अमेरिकी संसद में होगी सुनवाई - NGOs, Government of India, American NGO
वॉशिंगटन। भारत सरकार की ओर से एक अमेरिकी गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर अमेरिका की संसदीय समिति अगले सप्ताह सुनवाई करेगी। 
 
सदन की विदेश मामलों की समिति ने सुनवाई की घोषणा ऐसे दिन की है, जब कोलोराडो स्थित कंपैसन इंटरनेशनल ने भारत सरकार के फैसले के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान शुरू किया है। एनजीओ का आरोप है कि भारत सरकार के इस फैसले से देश में विभिन्न स्थानों पर चल रहे 500 से ज्यादा स्थानीय बाल विकास परियोजनाओं को वित्तीय सहायता भेजने पर रोक लग गई है।
 
संसद की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष कांगेस सदस्य एड रॉयस ने कहा कि भारत में बच्चों को शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाला कंपैसन इंटरनेशनल 3 सप्ताह में बंद हो सकता है।
 
अमेरिकी कांग्रेस के अंदर भारत के सबसे अच्छे दोस्त माने जाने वाले रॉयस ने कहा कि इस मुद्दे पर ध्यान देते हुए मेरी आशा है कि 1,45,000 बच्चों को सेवाओं से वंचित नहीं किया जाएगा जिसकी उन्हें सख्त जरूरत है और इससे दोनों देशों के बीच आपसी संबंध भी मजबूत होगा। समिति ने सुनवाई के लिए 3 विशेषज्ञों को आमंत्रित किया है।
 
कंपैसन के अध्यक्ष और सीईओ, सैंटियागो जिमी मेलादो ने कहा कि भारत में 1968 से शुरू हुए कंपैसन के मानवीय कार्यों के प्रोग्राम से ढाई लाख से ज्यादा बच्चे और उनके परिवार लाभान्वित हुए हैं। 
 
एनजीओ ने कहा कि हाल ही में भारत सरकार की ओर से फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एसीआरए) में परिवर्तन होने के कारण कंपैशन को पूरे भारत में फैले अपने 500 से ज्यादा स्थानीय बाल विकास परियोजनाओं को वित्तीय सहायता भेजने की अनुमति नहीं है।
 
एनजीओ का दावा है कि इस परिवर्तन से कंपैसन के प्रोग्राम के तहत दर्ज 1,45,000 बच्चे देशभर में प्रभावित हुए हैं। नए नियम के मुताबिक कंपैसन के 580 बाल विकास केंद्रों को भारत सरकार के पास 31 अक्टूबर 2016 तक आवेदन करना था। एनजीओ के अनुसार इसके 63 सहयोगियों को एसीआरए मंजूरी नहीं मिली है।
 
एनजीओ के अनुसार, उनके जिन शेष भागीदारों को एफसीआरए मंजूरी मिली थी, वो उन्हें भी वित्तीय सहायता भेजने में असमर्थ हैं। (भाषा)
ये भी पढ़ें
बिहार में कोहरे का कहर, सड़क हादसों में 5 की मौत