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Last Modified: टोक्यो , मंगलवार, 31 अक्टूबर 2017 (14:33 IST)

नाटो बोला, जरूरत पड़ी उत्तर कोरिया के खिलाफ विध्वंसक कार्रवाई

नाटो बोला, जरूरत पड़ी उत्तर कोरिया के खिलाफ विध्वंसक कार्रवाई - Nato on North Korea
टोक्यो। उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) प्रमुख जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा है कि परमाणु हथियारों और बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस पूरे संसार के लिए खतरा बने उत्तर कोरिया के खिलाफ वैश्विक शक्ति को एकजुट होने का समय आ गया है।
 
जापान की यात्रा पर यहां पहुंचे स्टोल्टेनबर्ग ने मंगलवार को जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे से उत्तर कोरिया समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत के बाद एक संयुक्त बयान में कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों से आग्रह करते हैं कि वे इस कोरियाई देश के खिलाफ पूर्ण और पारदर्शी प्रतिबंध लगाए जाने में अहम भूमिका अदा करें।
 
उन्होंने कहा कि यूरोप और उत्तरी अमेरिका तक परमाणु हथियारों और बैलिस्टिक मिसाइलों से हमले की बार-बार धमकी देने वाले और कड़ी चेतावनी के बावजूद लगातार बेहद उन्नत परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण कर रहे इस देश के खिलाफ वैश्विक एकता आवश्यक है। विश्व के सभी देशों को प्योंगयांग के खिलाफ कदम उठाने के लिए एकजुट होने का समय आ गया है क्योंकि वह एक वैश्विक खतरा बन चुका है।
 
नाटो के महासचिव ने कहा कि उत्तर कोरिया परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण करके संयुक्त राष्ट्र की  सुरक्षा परिषद को तिरस्कृत कर रहा है। प्योंगयांग ने हाल के महीनों में बेहद महत्वपूर्ण मिसाइल परीक्षणों का कार्यक्रम शुरू किया है। उसने सितंबर के शुरू में अब तक का सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण किया। 
        
उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया एक वैश्विक खतरा बन चुका है, इसलिए उसके खिलाफ वैश्विक शक्तियों को मिलकर काम करना होगा।
 
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तीन नवंबर से पहली आधिकारिक एशिया यात्रा शुरू होने से पहले नाटो प्रमुख की जापान यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है। ट्रम्प की इस यात्रा के दौरान उत्तर कोरिया के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों पर चर्चा प्रमुख रूप से छाये रहने की संभावना है।
 
एफे न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) सम्मेलन में भाग लेने के लिए वियतनाम और दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के सम्मेलन में भाग लेने के लिए फिलीपींस भी जाएंगे। व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी कर कहा है कि ट्रंप के एशिया दौरे का एक प्रमुख उद्देश्य उत्तर कोरिया से बढ़ते खतरे से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता को मजबूत करना और कोरियाई महाद्वीप को पूर्ण रूप से परमाणु मुक्त बनाना है। राष्ट्रपति ने उत्तर कोरिया की ओर से बढ़ते परमाणु खतरे के बीच कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो अमेरिका उत्तर कोरिया के खिलाफ 'विध्वंसक' सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार है।
 
व्हाइट हाउस के अनुसार, ट्रंप का एशिया दौरा इस क्षेत्र में अमेरिका की गठबंधन और दोस्ती की प्रतिबद्धता और अमेरिका के व्यापरिक साझेदारों के बीच निष्पक्ष और पारस्परिक आर्थिक संबंध की महत्ता दर्शाता है। (वार्ता)
 
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