कैसा है पृथ्वी जैसा ग्रह, जानिए विशेषताएं...
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी, नासा, ने गुरुवार रात धरती जैसा नया ग्रह मिलने की घोषणा है। केपलर अंतरिक्ष दूरबीन से मिले ग्रह को केपलर-452बी नाम दिया है। सौर मंडल से बाहर मिला यह ग्रह हमारी धरती की तरह है। केपलर-452बी नाम का यह ग्रह जी2 जैसे सितारे की परिक्रमा जीवन के लायक क्षेत्र में कर रहा है। जी2 तारा भी हमारे सूर्य के जैसा है। धरती की तरह ही इसका अपना सूरज है।
नासा के मुताबिक हमारी धरती के जैसी परिस्थिति में अपने सितारे का चक्कर काट रहा ग्रह जीवन की सभी परिस्थितियों और संभावनाओं को समेटे हुए है। इसने अभी तक 12 निवास योग्य ग्रहों की खोज की है और दूसरी धरती की खोज इस दिशा में एक मील का पत्थर है। नासा के साइंस मिशन निदेशालय के सहायक प्रशासक जॉन ग्रुंसफेल्ड ने कहा कि इस उत्साहवर्धक परिणाम ने हमें अर्थ 2.0 की खोज के करीब पहुंचा दिया है।
नया ग्रह ऐसे क्षेत्र में है जिसे निवास योग्य या गोल्डिलॉक्स जोन के रूप में जाना जाता है। तारे के आसपास का यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां परिक्रमा करने वाले ग्रह की सतह पर तरल पानी काफी मात्रा में मौजूद रह सकता है। एलियन के वहां मौजूद होने के बारे में अभी तक कुछ नहीं कहा जा सकता है लेकिन वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि की है कि वहां पेड़-पौधे भेजे गए तो वह जिंदा रह सकते हैं। ज्यादातर जो बातें सामने आई हैं उससे यह साफ होता है कि वहां भी जीवन की भरपूर संभावनाएं है।
स्पेस टेलीस्कोप कैप्लर ने की खोज : पृथ्वी से बाहर जीवन ढूंढने की नासा की कोशिशों में इस खोज को अहम कदम माना जा रहा है। नासा के स्पेस टेलीस्कोप केप्लर ने इस ग्रह की खोज की है। इसे 2009 में लॉन्च किया गया था। इसने 2015 में गोल्डिलॉक जोन (जीवन की संभावना वाले) में आठ नए ग्रहों की खोज की है। 0.95 डायमीटर वाला ये टेलीस्कोप करीब एक लाख तारों पर नजर रखता है।
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पृथ्वी से कितना मिलता है नया ग्रह
- यह भी पृथ्वी की तरह अपने ग्रह का चक्कर लगाता है और इसमें 385 दिन लेता है।
- इसकी परतें भी पृथ्वी की तरह चट्टानी हैं।
- अर्थ 2.0 का तापमान भी पृथ्वी की तरह है। अनुमान है कि अगर यहां ऐसा धरातल है तो फिर जीवन संभव है।
- यह पृथ्वी से 1400 लाइट ईयर्स दूर है।
- यह आकार में पृथ्वी से डेढ़ गुना बढ़ा हो सकता है।
- केप्लर 452बी का पैरेंट स्टार कैप्लर 452 छह बिलियन साल पुराना है। यह हमारे सूरज से भी 1.5 बिलियन साल बड़ा है और 20% ज्यादा चमकीला है।
-नए ग्रह पर बहुत सारे बादल और सक्रिय ज्वालामुखी होने की संभावना है।
पृथ्वी का जैसा ग्रह -अब तक खोजे गए ग्रहों में यह ग्रह पृथ्वी से सबसे ज्यादा मिलता है। वैज्ञानिक इसे पृथ्वी की बहन और पृथ्वी-2 भी कह रहे हैं। इसका साइज भी पृथ्वी से काफी समान है।
पृथ्वी के बराबर लंबा साल- केपलर 452बी के एक साल की लंबाई यानी समय और इसकी सतह की खूबियां भी लगभग हमारी पृथ्वी जैसी ही हैं। इसका एक साल 385 दिनों का यानी हमारी पृथ्वी से सिर्फ 20 दिन ज्यादा है।
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अपने तारे से उचित दूरी- यह ग्रह हमारे सूर्य से करीब 1.5 अरब साल पुराना है। अगर कोई ग्रह अपने तारे से ज्यादा नजदीक होगा तो काफी गर्म होगा और ज्यादा दूर होगा तो काफी ठंडा। केपलर 452बी, अरबों सालों से अपने तारे से उचित दूरी पर है।
ज्वालामुखी और पानी भी मौजूद- केपलर 452बी पर जीवन के लिए सबसे काफी तत्व पानी होने की सबसे ज्यादा संभावना मौजूद है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी सतह के नीचे ज्वालामुखी भी हो सकते हैं।
इसकी ग्रैविटी में रह सकते हैं इंसान- यह ग्रह हमारी पृथ्वी से थोड़ा ज्यादा बड़ा है। माना जा रहा है कि इसकी ग्रैविटी पृथ्वी के मुकाबले दोगुनी होगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि इतने गुरुत्वाकर्षण में इंसान जिंदा रह सकते हैं।
पौधे लगाना भी होगा संभव- केपलर 452बी हमारे सूरज से थोड़ा बड़ा है। यह अपने तारे से गर्मी और प्रकाश लेता है, जो कि पृथ्वी से थोड़ा सा ज्यादा है। माना जा रहा है कि इस मौसम में पौधे भी अपना जीवन जी सकते हैं।
धूप भी सेंक सकते हैं आप- इस ग्रह का तारा हमारी पृथ्वी के तारे यानी सूरज की तरह ही प्रकाश देता है। अगर यहां पर चट्टानें हुईं और वातावरण विकसित हुआ तो आप छुट्टियों में धूप भी सेंक सकते हैं।
फिलहाल जाना है असंभव - केपलर 452बी काफी गर्म है, संभवतः गीला भी और इसमें पौधों को जीवन भी मिल सकता है, हालांकि यह हमसे 1,400 प्रकाश वर्ष दूर है। एक प्रकाश वर्ष यानी प्रकाश एक साल में जितनी दूरी तय करता है। यहां पहुंचने में ही अरबों साल लग जाएंगे।