केन्या की जेल में महिलाएं कर रही हैं योग
योग को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा होती रही है। योग का महत्व समझकर कई देश इसे अपनी दिनचर्या में ला रहे हैं। केन्या में भी योग की बातें होती हैं और अब केन्या के नेरोबी शहर में महिला जेल में योग क्लास शुरू की गई हैं। प्रशासन का मानना है कि योग से महिला कैदियों को अनुशासन सिखाया जा रहा है।
द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार नैरोबी की लंगाटा जेल महिलाओं के लिए है। यहां योग कैदियों को अंदरूनी शांति खोजने में मदद कर रहा है। साथ ही योग बाहर निकलकर मिलने वाली जिंदगी के लिए भी तैयार कर रहा है।
डोरोशिया बेस्टर करीब एक साल से केन्या की जेल में ड्रग ट्रेफिकिंग केस में बंद है। वह अक्सर साउथ अफ्रीका में अपने घर के बारे में सोचती है। पहले के कुछ महीने मुश्किल से गुजरे। जेल में हर दिन लंबा वक्त होता है। कैदियों के पास करने को कुछ नहीं होता।
केन्या की एक सांसद आसमां कामामा कहती हैं कि सजा बहुत कठिन कर दी गई है, वहीं रिहेबिलिटेशन के लिए कुछ भी खास नहीं किया गया। इसमें धीरे धीरे बदलाव आ रहा है। 2010 से जेल में कैदियों को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए कुछ प्रोग्राम शुरू कर दिए गए हैं। इनमें पीस विदिन प्रिजंस प्रोजेक्ट खास है। जिसके अंतर्गत योग सिखाया जा रहा है।
योग का ही कमाल है कि महिला कैदी जेल के लंबे समय को शांति से बिता पा रही हैं। हफ्ते में दो बार, कैदी बेसब्री से योग इंस्ट्रक्टर के आने का इंतजार करती हैं। उन्हें यह आजादी जैसा लगता है। जेल में योग प्रोग्राम चलाने वालों को लगता है कि कैदी बाहर निकलकर (समाज में घुलने मिलने) आने वाले दबाव के लिए तैयार हो रहे हैं। इससे भी पहले उन्हें कैद में भी बेहतर इंसान बनने में मदद मिलेगी।
योग की इंचार्ज सुजैन मैरिटा कहती हैं कि 80 प्रतिशत कैदियों को बाहर निकलकर जिंदगी जीने में मुश्किल आती है। इसके कारण अधिकतर क्राइम की दुनिया में लौट जाते हैं। योग कैदियों को मानसिक और शारीरिक तौर पर नई जिंदगी के दबावों को झेलने के लिए तैयार करता है।
photo courtsey : theguardian