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Last Updated : मंगलवार, 24 जून 2025 (13:41 IST)

ईरान के डर से राष्ट्रपति ट्रम्प-नेतन्याहू ने किया सीजफायर का एलान, अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर ईरान के हमले से कांपा मिडिल ईस्ट

khamenei trump
Iran Israel Ceasefire : मध्य पूर्व में 12 दिन से जारी इजरायल-ईरान युद्ध थमता नजर आ रहा है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अचानक सीजफायर की घोषणा की है। सूत्रों के अनुसार, ईरान के जवाबी हमलों, विशेष रूप से कतर और सीरिया में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमलों के बाद ट्रम्प और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को युद्धविराम का फैसला लेना पड़ा। इन हमलों ने मध्य पूर्व में तनाव को चरम पर पहुंचा दिया था, जिससे वैश्विक स्तर पर युद्ध का खतरा मंडराने लगा। ALSO READ: क्या 24 घंटे में थमेगा युद्ध, सीजफायर पर क्या बोले इजराइल और ईरान?
 
ईरान की सैन्य ताकत ने तोड़ा ट्रम्प का घमंड? : ईरान ने रविवार को अमेरिका के बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स द्वारा फोर्डो, नतांज और इस्फहान स्थित अपने परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों का कड़ा जवाब दिया। सोमवार को ईरान ने कतर के अल-उदीद अमेरिकी एयरबेस पर 14 मिसाइलें दागीं और सीरिया में एक अन्य अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मोर्टार हमला किया। हालांकि, अमेरिका ने दावा किया कि इन हमलों से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन ईरानी मीडिया ने इसे अपनी जीत बताते हुए कहा, "हमारी मिसाइलों ने ट्रम्प को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।"
 
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने एक्स पर लिखा, "हमारे सशस्त्र बलों ने इजरायल और अमेरिका के आक्रमण का आखिरी सांस तक जवाब दिया। अगर इजरायल सुबह 4 बजे तक हमले रोक देता है, तो हम भी जवाबी कार्रवाई बंद कर देंगे।" इस बयान के कुछ घंटों बाद ही ट्रम्प ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर सीजफायर की घोषणा की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि "इजरायल और ईरान दोनों मेरे पास शांति के लिए आए।" ALSO READ: ट्रंप का बड़ा एलान, इजराइल ईरान में सीजफायर, 24 घंटे में खत्म होगा युद्ध
 
नेतन्याहू का यू-टर्न, इजरायल ने रोके हमले : इजरायल, जो 13 जून को शुरू हुए 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' के तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले कर रहा था, ने भी युद्धविराम का ऐलान किया। नेतन्याहू ने कहा, "हमारा मकसद पूरा हो चुका है।" हालांकि, सूत्रों का कहना है कि ईरान की जवाबी कार्रवाई और अमेरिकी दबाव के कारण नेतन्याहू को यह कदम उठाना पड़ा। इजरायल ने अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, जिससे ट्रम्प के दावों पर सवाल उठ रहे हैं।
 
मध्य पूर्व में अस्थायी शांति, लेकिन खतरा बरकरार : ट्रम्प ने अपने बयान में कहा, "यह मध्य पूर्व और दुनिया की जीत है। अगले 24 घंटों में चरणबद्ध युद्धविराम लागू होगा।" कतर ने भी इस समझौते में मध्यस्थता की भूमिका निभाई और अपना हवाई क्षेत्र फिर से खोल दिया। हालांकि, ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने एक्स पर लिखा, "ईरानी लोग कभी तानाशाहों के सामने नहीं झुकेंगे।"
 
विश्लेषकों का मानना है कि यह सीजफायर अस्थायी हो सकता है, क्योंकि ईरान ने चेतावनी दी है कि अगर इजरायल ने दोबारा हमला किया तो वह फिर से जवाबी कार्रवाई करेगा। इसके अलावा, पाकिस्तान ने ईरान के समर्थन में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई है, जिससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ सकता है।
 
वैश्विक प्रतिक्रिया और भारत की चिंता : जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने सीजफायर का स्वागत किया, लेकिन रूस और चीन ने अमेरिकी हमलों की निंदा की है। भारत ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन ईरान के स्ट्रेट ऑफ होर्मूज बंद करने के ऐलान से तेल की आपूर्ति पर असर पड़ सकता है, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
 
मध्य पूर्व में यह नाजुक शांति कब तक बरकरार रहेगी, यह समय ही बताएगा। फिलहाल, दुनिया की नजरें ट्रम्प, नेतन्याहू और खामेनेई के अगले कदम पर टिकी हैं।
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