अमेरिका में 9/11 हमले में मारे गए लोगों को दी गई श्रद्धांजलि
न्यूयॉर्क। अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को किए गए हमले की 15वीं बरसी पर आज हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। राष्ट्रपति बराक ओबामा पेंटागन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए। ओबामा ने कहा, 'पंद्रह साल देखने में एक लंबा समय लगता है लेकिन जिन परिवारों ने इस दिन अपने दिल के टुकड़े को खोया है, उनके लिए तो यह कल की घटना लगती है।'
रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप तथा डेमोक्रेटिक प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन के अलावा कई गणमान्य लोग श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए। श्रीमती क्लिंटन ने एक बयान में कहा, 'हम 11 सितंबर 2001 की भयावहता को कभी नहीं भूलेंगे।' वहीं ट्रंप ने एक बयान में आज के दिन को दु:खद तथा स्मरण करने वाला बताया।
न्यूयॉर्क के मैनहट्टन में 9/11 की याद में श्रद्धांजलि सभा में शास्त्रीय संगीत का आयोजन किया गया। इस हमले में मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों ने मृतकों के नाम पढ़ें और साथ ही हमले में मारे गए करीब तीन हजारों लोगों की यादों को साझा किया। वर्ष 1941 में अमेरिका के पर्ल हार्बर के बाद यह सबसे बड़ा हमला था।
टॉम एक्वारविवा ने इस हमले में अपना 29 वर्षीय बेटा खो दिया, जो उत्तरी टावर के 101 से 105वीं मंजिल पर एक वित्तीय कंपनी कैंटोर फिट्जगेराल्ड में काम करता था। कैंटोर फिट्जगेराल्ड के 658 कर्मचारी मारे गए थे, जिनमें वह भी शामिल था। एक्वारविवा ने पत्रकारों से कहा, 'हमें उसकी बहुत याद आती है। बहुत, बहुत, बहुत। कोई भी दिन ऐसा नहीं गुजरा जब हमें उसकी याद नहीं आई।'
आतंकवादियों ने दो विमानों से न्यूयॉर्क शहर स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दो टावरों को उड़ा दिया था, जिससे विमान में सवार सभी लोग तथा वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में काम करने वाले लोग बड़ी संख्या में मारे गए थे। इसमें 340 से अधिक दमकलकर्मी तथा 60 पुलिसकर्मी भी मारे गए थे।
श्रद्धांजलि सभा में श्रीमती क्लिंटन की अचानक तबियत खराब हो गई जिसके कारण उन्हें वहां से जाना पड़ा। श्रीमती क्लिंटन के प्रवक्ता निक मेरिल ने कहा कि तबियत खराब होने के बाद वह यहां अपनी बेटी चेल्सिया क्लिंटन के घर चली गई और अब उनकी तबियत बेहतर है। उन्होंने इसके अलावा कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। हालांकि ट्रंप लगातार श्रीमती क्लिंटन को लेकर यह सवाल उठाते रहे हैं कि क्या उनका स्वास्थ्य ऐसा है कि वह राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा कर सकें। (वार्ता)