पाकिस्तान में लापता भारतीय उलेमा स्वदेश लौटे
नई दिल्ली। पाकिस्तान के कराची हवाई अड्डे से पिछले सप्ताह एकाएक लापता होने वाले हजरत निजामुद्दीन दरगाह के सज्जादानशीं और उनके भतीजे सोमवार को सुरक्षित स्वदेश लौट आए।
सैयद आसिफ निजामी और उनके भतीजे नाजिम अली निजामी के यहां पहुंचने पर हवाई अड्डे पर उनके परिजन और शुभचिंतकों ने उनका स्वागत किया।
हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह के सज्जादानशीं आसिफ निजामी के पुत्र आमिर निजामी ने अपने पिता और भाई की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के प्रयासों के लिए उसका धन्यवाद दिया।
आमिर ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि दोनों ठीक हैं। हम उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने में भारत सरकार के सहयोग के लिए उसके शुक्रगुजार हैं। इस दौरान दोनों उलेमाओं ने वहां इंतजार कर रहे मीडिया से कोई बात नहीं की।
80 वर्षीय बुजुर्ग सज्जादानशीं के पोते इब्राहिम निजामी ने कहा कि दोनों की सुरक्षित वापसी के लिए 'उपर वाले का शुक्रिया अदा' करने के लिए निजामुद्दीन दरगाह में सोमवार को विशेष प्रार्थना की जाएगी।
आसिफ निजामी और नाजिम अली निजामी 8 मार्च को लाहौर गए थे और वहां एकाएक लापता हो गए थे, जिसके बाद भारत ने इस मामले को पाकिस्तान के समक्ष उठाया था। आसिफ की यात्रा का मुख्य मकसद कराची में अपनी बहन से मिलना था।
पाकिस्तान ने शनिवार को भारत को सूचित किया था कि दोनों उलेमा मिल गए हैं और दोनों कराची पहुंच गए हैं। सुषमा स्वराज ने भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज से रविवार को इस संबंध में बात की थी।
इससे पहले पाकिस्तानी सूत्रों ने कहा था कि मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट से कथित संबंधों को लेकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने दोनों उलेमाओं को हिरासत में लिया है। (भाषा)