• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. india iran Chabahar Port contract Chabahar deal america
Last Updated : मंगलवार, 14 मई 2024 (10:08 IST)

Chabahar Port : भारत का हुआ चाबहार बंदरगाह, अमेरिका को आया गुस्सा, भारत को धमकी दी

Chabahar Port
Chabahar Port : भारत और ईरान ने चाबहार में स्थित शाहिद बेहश्ती बंदरगाह के टर्मिनल के परिचालन के लिए सोमवार को एक दीर्घकालिक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। ईरान स्थित भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर की गई पोस्ट में यह जानकारी दी। बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल की उपस्थिति में इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड और ईरान के पोर्ट्स एंड मेरिटाइम ऑर्गनाइजेशन ने अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
यह पहला मौका है जब भारत विदेश में स्थित किसी बंदरगाह का प्रबंधन अपने हाथ में लेगा। चाबहार बंदरगाह ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है। इस बंदरगाह को भारत और ईरान मिलकर विकसित कर रहे हैं।

पहली बार भारत के हाथ में प्रबंधन: भारत और ईरान के बीच चाबहार पोर्ट को लेकर हुए इस कदम को भारत के लिए ईरान और मध्य एशिया में भूराजनीतिक पहुंच के रूप में देखा जा रहा है। ऐसा पहली बार होगा जब भारत विदेश की धरती पर किसी पोर्ट का प्रबंधन अपने हाथ में लेगा। चाबहार पोर्ट के जरिए ईरान और मध्य एशिया समेत यूरेशियन क्षेत्र में भारत की कनेक्टिविटी मजबूत होगी।

अमेरिका की भारत को धमकी: अनुबंध के कुछ घंटे बाद ही अमेरिका ने भारत को ईरान के साथ डील के लिए प्रतिबंध की धमकी दी है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि ईरान के साथ डील करने वाले को प्रतिबंध से सावधान रहना चाहिए। सोमवार को भारत और ईरान ने रणनीतिक चाबहार पोर्ट को लेकर अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके बाद 10 साल के लिए इस बंदरगाह के संचालन का अधिकार मिल गया है। 10 साल बाद ये अनुबंध स्वतः आगे बढ़ जाएगा।

क्या धमकी दी अमेरिका ने: अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने भारत-ईरान डील को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, 'कोई भी जो ईरान के साथ साथ व्यापार सौदों को अंजाम दे रहा है, उन्हें उन संभावित प्रतिबंधों के खतरों के बारे में पता होना चाहिए, जिसके वे करीब जा रहे हैं।' सोमवार को भारत के शिपिंग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और उनके ईरानी समकक्ष की मौजूदगी में इंडियन पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (आईजीपीएल) और ईरान के पोर्ट एंड मैरीटाइम ऑर्गनाइजेशन ने दीर्घकालिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

क्यों खास है चाबहार बंदरगाह: ओमान की खाड़ी के पास ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित चाबहार बंदरगाह को भारत विकसित कर रहा है। भारत क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए चाबहार बंदरगाह पर जोर दे रहा है। इसके रास्ते भारत को अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुंच हो सकेगी। वहीं पाकिस्तान को बायपास करने में सक्षम होगा। इसके पहले भारत को अफगानिस्तान तक पहुंचने के लिए पाकिस्तान की जरूरत पड़ती थी। इसके साथ ही इस रणनीतिक बंदरगाह को पाकिस्तान में चीन की मदद से विकसित किए जा रहे ग्वादर बंदरगाह के विकल्प के रूप में भी देखा जा रहा है। चाबहार बंदरगाह और ग्वादर के बीच समुद्र के रास्ते सिर्फ 100 किलोमीटर की दूरी है। इसे आगे चलकर अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) से जोड़ने की योजना है। 7200 किलोमीटर लंबा ये गलियारा भारत को ईरान, अजरबैजान के रास्ते होते हुए रूस के सेंट पीटर्सबर्ग से जोड़ेगा।
Edited by navin rangiyal
ये भी पढ़ें
कुत्ते के हत्यारे का पता बताओ, 50 हजार पाओ, पेटा की घोषणा, शख्स ने 15वीं मंजिल से फेंका था कुत्ता