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Last Modified: गुरुवार, 22 मार्च 2018 (17:38 IST)

सीमा पर तैनात अपने सैनिकों को चीन ने लिया सैन्‍य नियंत्रण में

India-China border
बीजिंग। असैन्य नियंत्रण के तहत आने वाले सरहदों पर तैनात अपने सैनिकों को चीन सीधे तौर पर सेना के नियंत्रण में ले आया है। इनमें वे सैनिक भी शामिल हैं, जो भारत के साथ लगती सीमा पर सुरक्षा में तैनात हैं।


'ग्लोबल टाइम्स' अखबार की खबर के मुताबिक राष्ट्रपति शी जिंनपिंग नीत चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) ने असैन्य नियंत्रण वाले सीमांत रक्षाबलों को पीपल्स आर्म्ड पुलिस (पीएपी) के नियंत्रण से पूरी तरह से हटा दिया है ताकि सत्तारूढ़ पार्टी देश के सशस्त्र बलों का प्रबंधन अपने तरीके से कर सके।

अखबार में चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) के आधिकारिक वीचैट पब्लिक अकाउंट पर बुधवार को प्रकाशित एक लेख के हवाले से बताया गया कि वे सैनिक जो पहले सशस्त्र पुलिस का हिस्सा थे और जिनका प्रबंधन स्टेट काउंसिल के संस्थानों द्वारा किया जाता था अब उन्हें इस प्रणाली से आधिकारिक तौर पर अलग कर लिया गया। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि सेना, अन्य राष्ट्रीय बलों तथा सशस्त्र बलों पर पार्टी के पूर्ण नेतृत्व को पूरी तरह कायम किया जा सके।

चीन के सेना विश्लेषकों ने कहा कि असैन्य मामलों से जुड़े सशस्त्र पुलिस बलों को हटाने से नियंत्रण की जटिल श्रृंखला सुलझ जाएगी। इसका मतलब यह भी है कि 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात सैनिकों समेत सरहदों पर तैनात सैनिकों को सीधे तौर पर पीएलए के नियंत्रण में लाया जाएगा। पीएलए राष्ट्रपति की अध्यक्षता वाले केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के तहत कार्य करती है।

शी जिंनपिंग को पिछले सप्ताह राष्ट्रपति के तौर पर 5 साल के दूसरे कार्यकाल के लिए चुना गया तथा उन्हें सीएमसी का अध्यक्ष भी चुना गया। इसके कुछ दिन बाद चीन की संसद ने राष्ट्रपति के लिए 2 साल के कार्यकाल की सीमा को हटाकर उनके जीवनपर्यंत सत्ता में बने रहने का रास्ता साफ कर दिया। गत दिसंबर को सीपीसी ने देशभर में पीएपी पर असैन्य नियंत्रण को हटाया है। (भाषा)
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