भारत-पाक तनाव व्हाइट हाउस पहुंचा
वाशिंगटन। भारत और पाकिस्तान के बीच का मौजूदा तनाव अब व्हाइट हाउस के साइबर क्षेत्र में पहुंच गया है जहां दोनों देशों ने याचिकाएं दायर की हैं और ओबामा प्रशासन से जवाब मांगा है।
व्हाइट हाउस ने उस याचिका पर हस्ताक्षर स्वीकार करना बंद कर दिया है, जिसमें ‘पाकिस्तान को ‘आतंकवाद प्रायोजक देश’ घोषित करने की मांग की गई है। इस याचिका पर कुछ दिनों के भीतर रिकॉर्ड पांच लाख हस्ताक्षर आ गए थे जो ओबामा प्रशासन से जवाब हासिल करने के लिए हस्ताक्षरों की जरूरी संख्या से पांच गुना अधिक है।
उधर, व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर एक और याचिका दी गई है जिसमें दावा किया गया है कि भारत ‘अपने पड़ोसी देशों में आतंकवाद फैलाने में शामिल है।’ व्हाइट हाउस ने कल कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ दायर याचिका को संग्रहित कर दिया गया है क्योंकि इसने हस्ताक्षर संबंधी जरूरतों’ को पूरा नहीं किया। याचिका पन्ने पर इसके बारे में ‘क्लोज्ड पीटिशन’ लिखा है। इस याचिका पर रोक लगाने को लेकर व्हाइट हाउस ने कोई ब्योरा नहीं दिया।
आमतौर पर इस तरह की याचिका पर हस्ताक्षर करने का विकल्प एक महीने तक उपलब्ध रहता है। हालांकि ऐसा लगता है कि कुछ हस्ताक्षरों ने भागीदारी की शर्तों को पूरा नहीं किया होगा, जिसके बाद इस पर रोक लगाई गई।
पाकिस्तान के खिलाफ यह याचिका एक व्यक्ति ने 21 सितम्बर को तैयार की थी। उसने अपनी पहचान आरजी बताई थी। याचिका पर व्हाइट हाउस के जवाब के लिए 30 दिनों में एक लाख हस्ताक्षर की जरूरत थी, लेकिन यह आंकड़ा एक सप्ताह के भीतर ही पूरा हो गया। उरी आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना की ओर से पीओके में आतंकी ठिकानों पर किए गए लक्षित हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। (भाषा)