ईरान के साथ किसी भी गलत व्यवहार के लिए इमरान ने अमेरिका को चेताया
वॉशिंगटन। ईरान के खिलाफ किसी भी तरीके के गलत व्यवहार को लेकर अमेरिका को चेतावनी देते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि इराक की तरह की कोई भी कार्रवाई इतनी बर्बादी फैलाने वाली होगी कि लोग अलकायदा को भूल जाएंगे।
अमेरिकी संसद द्वारा वित्त पोषित थिंक टैंक यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस में चर्चा के दौरान एक सवाल के जवाब में खान ने कहा कि ईरान के बारे में चिंता है कि मुझे पक्का नहीं पता है कि ईरान के साथ संघर्ष होने की स्थिति में सभी देश हालात की गंभीरता को समझ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आप समझ रहे हैं ना, यह इराक (2003 में हुआ अमेरिकी हमला) जैसा नहीं होने वाला। यह बहुत बहुत बहुत खराब होगा... यह आतंकवाद का भानूमति का पिटारा खोल देगा जो लोगों को अलकायदा को भूलने पर मजबूर कर देगा... आप समझें कि लड़ाई बहुत कम समय के लिए भी हो सकती है। अगर सभी एयरफिल्ड और बाकि जगहों पर हवाई हमले कर दिए जाएं।
ईरान और अमेरिका के बीच लगातार बढ़ रहे तनाव की पृष्ठभूमि में खान ने कहा कि लेकिन उसके बाद के परिणाम... मेरी चिंता यह है कि लोग उससे ठीक तरह से समझ नहीं पा रहे हैं। मैं इस बात की पुरजोर वकालत करूंगा कि एक और सैन्य कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम कुछ भी करेंगे, मेरा कहना है कि अगर पाकिस्तान इसमें कोई भूमिका निभा सकता है तो। हम ईरान को पहले ही यह कह चुके हैं।
खान ने कहा कि हाल तक ईरान इच्छुक था, लेकिन अब मुझे लगता है कि ईरान में बहुत बेचैनी है। और मुझे नहीं लगता है कि उन्हें ऐसे हालात में धकेलना चाहिए जहां संघर्ष की स्थिति बने।
अफगान और आतंकवाद पर की बात : इमरान खान ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से मुलाकात की। इस दौरान विदेश मंत्री ने अफगान शांति प्रक्रिया और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की अहम भूमिका पर जोर दिया।
विदेश विभाग की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने कहा कि विदेश मंत्री पोम्पिओ ने अफगान शांति प्रक्रिया और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की अहम भूमिका समेत साझा प्राथमिकताओं पर अमेरिका और पाकिस्तान के मिलकर काम करने पर जोर दिया।
पोम्पिओ ने इससे पहले 5 सितंबर 2018 को इस्लामाबाद में खान से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं के बीच व्यापार और निवेश बढ़ाने समेत सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा हुई।
ओर्टागस ने कहा कि विदेश मंत्री आतंकवादी संगठनों को हराने समेत साझा सुरक्षा प्राथमिकताओं पर पाकिस्तान की ओर से प्रगति की उम्मीद कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि यह नए सिरे से बनने वाली साझेदारी के लिए आधार तैयार करेगा।