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Last Updated :इस्लामाबाद , शनिवार, 5 अगस्त 2023 (14:36 IST)

इमरान खान गिरफ्तार, नहीं लड़ पाएंगे चुनाव, क्या है तोशाखाना मामला?

इमरान खान गिरफ्तार, नहीं लड़ पाएंगे चुनाव, क्या है तोशाखाना मामला? - Imran Khan arrested in Toshakhana case
Imran Khan arrested in Toshakhana case: तोशाखाना मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पाकिस्तान की अदालत ने 3 साल की सजा सुनाई है। इस बीच, इमरान को लाहौर से गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने कहा कि वह इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट को में चुनौती देगी। 
 
तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद खान को लाहौर से गिरफ्तार कर लिया गया।इस्लामाबाद स्थित जिला एवं सत्र न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने खान पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने साथ ही कहा कि जुर्माना नहीं देने पर उन्हें 6 महीने अतिरिक्त जेल में रहना होगा।इस सजा के बाद इमरान पर 5 साल के लिए चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। 
 
खान (70) को तोशाखाना मामले में दोषी ठहराया गया। यह मामला पिछले साल पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) की शिकायत पर दायर किया गया था, जिसने पहले उन्हें उसी मामले में सार्वजनिक पद संभालने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। आरोप है कि इमरान ने तोशाखाना से कुछ उपहार खरीदे, जिनमें एक कीमती घड़ी भी शामिल थी और उसे लाभ कमाने के लिए बेच दिया।
 
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) द्वारा खान के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही के लिए तोशाखाना मामले की विचारणीयता को बरकरार रखने के सत्र अदालत के फैसले को रद्द करने के एक दिन बाद यह फैसला आया। ईसीपी ने 21 अक्टूबर, 2022 को खान को ‘झूठे बयान और गलत जानकारी’ देने के आरोप में सार्वजनिक पद संभालने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था।
 
क्या है तोशाखाना मामला? :  पाकिस्तान में 1974  में तोशाखाना की स्थापना की गई थी। तोशाखाना फारसी शब्द है और इसका मतलब खजाने वाला कमरा होता है। इसमें सरकारी अधिकारियों को विदेशों से मिले तोहफों को जमा किया जाता है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सीनेट के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन, नेशनल असेंबली के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर, कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री, संसद के सदस्य, सरकारी अधिकारी और स्वायत्त और अर्ध-स्वायत्त संस्थाओं के कर्मचारी तोशाखाना कानून को मानने के लिए बाध्य हैं। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala