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Last Modified: शुक्रवार, 3 जनवरी 2025 (15:29 IST)

रहस्यमयी वायरस hMPV से हाहाकार, चीन में फिर आई कोरोना जैसी महामारी, जानिए क्या है सच?

रहस्यमयी वायरस hMPV से हाहाकार, चीन में फिर आई कोरोना जैसी महामारी, जानिए क्या है सच? - human metapneumovirus cases surge in China
China virus hMPV news : चीन के वुहान से आए कोरोना वायरस ने दुनिया भर में जमकर तबाही मचाई थी। अब 5 साल बाद एक बार फिर चीन रहस्यमयी वायरस की चपेट में हैं। ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (Human metapneumovirus) की वजह से अस्पताल मरीजों से पटे पड़े हैं। इस खतरनाक वायरस की वजह से मारे गए लोगों से श्मशान घाट भी भर चुके हैं। सोशल मीडिया पर चीन से आई इस खबर ने तहलका मचा दिया। 
 
दावा किया जा रहा है कि ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस में फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि चीन में एचएमपीवी, इंफ्लूएंजा ए, माइक्रोप्लाजमा, निमोनिया और कोविड 19 जैसे वायरल एक साथ फैल रहे हैं। इन खबरों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है।
 
कई मीडिया खबरों में भी दावा किया गया है कि चीन में सांसों से संबंधित संक्रामक बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ी है। जब ठंड बढ़ती है तो सांसों से संबंधित बीमारियों का खतरा बच्चों और बुजुर्गों में ज्यादा हो ही जाती है। जिन लोगों को पहले से अस्थमा या सीओपीडी है, उन्हें ठंड में ज्यादा खतरा है।
 
हालांकि अब तक न तो चीनी सरकार ने और न ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस जानलेवा वायरस को लेकर कुछ कहा है। इस वजह से यह पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता कि यह खबर सही है या गलत। यह भी पता नहीं चल सका है कि यह वीडियो कब का है। 
 
सोशल मीडिया पर कई वीडियो प्रसारित हो रहे हैं जिसमें दावा किया गया है कि लोग इस वायरस की चपेट में तेजी से आ रहे हैं। अस्पताल मरीजों से पटे पड़े हैं यहां पैर रखने की भी जगह नहीं है। चीन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। चीन के रोग नियंत्रण प्राधिकरण ने निमोनिया के लिए एक निगरानी प्रणाली जरूर चला रखी है।
 
बहरहाल इस वायरस की खबर ने लोगों के जेहन में एक बार फिर कोरोना काल की खौफनाक यादें ताजा करा दी। कोरोना काल में लोगों को लॉकडाउन और आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। कई लोगों की नौकरी छूट गई तो बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई। कोरोना के समय दुनिया भर में अस्पतालों में पैर रखने की जगह नहीं बची थी। श्मशान में अपनों के अंतिम संस्कार के लिए लोगों को संघर्ष करना पड़ा। मास्क, सैनेटाइजर और सोशल डिस्टेसिंग लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन गए थे।
edited by : Nrapendra Gupta 
 
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