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Last Updated :ढाका , सोमवार, 16 दिसंबर 2024 (14:44 IST)

Vijay Diwas के अवसर पर भारत और बांग्लादेश के 1971 युद्ध के नायक एक दूसरे के यहां गए

ढाका 16 दिसंबर को एक स्वतंत्र देश की स्वतंत्र राजधानी के रूप में उभरा

Vijay Diwas के अवसर पर भारत और बांग्लादेश के 1971 युद्ध के नायक एक दूसरे के यहां गए - Heroes of India and Bangladesh visited each other during Vijay Diwas celebrations
Vijay Diwas:  भारत और बांग्लादेश (India and Bangladesh) में विजय दिवस (Vijay Diwas) समारोहों में भाग लेने के लिए 1971 के 'मुक्ति संग्राम' का हिस्सा रह चुके 8 भारतीय सैनिक ढाका पहुंचे हैं जबकि वहां की सेना के 8 अधिकारी कोलकाता पहुंचे हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। विजय दिवस पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय सेना के समक्ष आत्मसमर्पण किए जाने की याद में मनाया जाता है। भारत की ऐतिहासिक जीत के कारण बांग्लादेश को आजादी मिली।
 
बांग्लादेश के अधिकारियों और ढाका में भारतीय उच्चायोग ने बताया कि दोनों पक्षों के 2-2 सेवारत अधिकारी प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं, जो ढाका तथा कोलकाता में होने वाले समारोहों में भाग लेंगे। वे रविवार को अपने गंतव्य शहरों में पहुंच गए। बांग्लादेश के प्रतिनिधिमंडल में 'मुक्ति योद्धा' शामिल थे, जो पूर्वी पाकिस्तान में उस गुरिल्ला समूह का हिस्सा थे जिन्होंने वहां पाकिस्तानी शासन का विरोध किया था।ALSO READ: बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा को बयां करती एक रिपोर्ट, भारत के लिए भी खतरा
 
तनाव के बीच हो रही यात्रा : विजय दिवस समारोह और दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों की ये यात्राएं भारत-बांग्लादेश के बीच जारी तनाव के बीच हो रही हैं। बांग्लादेश में 5 अगस्त को छात्र-नेतृत्व वाले विद्रोह में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के सत्ता से हटने के बाद से अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के खिलाफ कथित हिंसा को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति है। हसीना देश से पलायन कर चुकी हैं और उन्होंने भारत में शरण ली है।
 
मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने किसी भी बड़ी सांप्रदायिक हिंसा से साफ इंकार किया है। बांग्लादेश की आबादी में हिन्दू 8 फीसदी है। यहां एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा कि पूर्व सैनिकों की ये यात्राएं 1971 में बनी मित्रता की याद दिलाता है।
 
उन्होंने कहा कि अपने समकक्ष जशीम उद्दीन के साथ विदेश कार्यालय परामर्श के लिए भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री द्वारा 9 दिसंबर को की गई एकदिवसीय ढाका यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों में तनाव कुछ हद तक कम हुआ। मिस्री ने यूनुस और उनके विदेश मंत्री तौहीद हुसैन से भी मुलाकात की थी। विश्लेषक ने कहा कि अब पूर्व सैनिकों के दौरों से दोनों देशों की एक-दूसरे के प्रति सद्भावना नजर आने की उम्मीद है।ALSO READ: अमेरिकी संसद में उठा बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमले का मामला, की कार्रवाई की मांग
 
भारत और बांग्लादेश दोनों ही देश विजय का जश्न मनाते हैं : भारत और बांग्लादेश दोनों ही देश 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान पर विजय का जश्न मनाते हैं और हर साल एक-दूसरे के युद्ध के नायकों एवं सेवारत अधिकारियों को दोनों देशों में होने वाले समारोहों में भाग लेने के लिए आमंत्रित करते हैं।
 
बांग्लादेश अपना स्वतंत्रता दिवस 26 मार्च को मनाता है। हालांकि 9 महीने के 'मुक्ति संग्राम' के बाद भारत की महत्वपूर्ण सहायता से ढाका 16 दिसंबर को एक स्वतंत्र देश की स्वतंत्र राजधानी के रूप में उभरा। भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि ये वार्षिक द्विपक्षीय यात्राएं मुक्ति योद्धाओं और मुक्ति संग्राम के नायकों को दोनों देशों की अद्वितीय मित्रता का जश्न मनाने के लिए एक मंच प्रदान करती हैं।ALSO READ: बांग्लादेशी प्रोफेसर ने उगला जहर, भारत को बताया Bangladesh और पाक का दुश्मन
 
बयान में कहा गया है कि यह अवसर मुक्ति संग्राम की यादों को ताजा करता है, जो कब्जे, उत्पीड़न और सामूहिक अत्याचारों से बांग्लादेश की आजादी के लिए भारत और बांग्लादेश के सशस्त्र बलों के साझा बलिदान का प्रतीक है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta