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Last Modified: तेहरान , सोमवार, 23 मई 2016 (17:42 IST)

आर्थिक महाशक्ति है भारत-रूहानी

आर्थिक महाशक्ति है भारत-रूहानी - Government of Iran, Hassan Rouhani, Narendra Modi, India Iran contract
तेहरान। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने भारत को एक आर्थिक महाशक्ति बताते हुए सोमवार को कहा कि प्रतिबंधों के हटाए जाने के बाद उनके देश के सामने काफी अवसर खुले हैं और वह आर्थिक संबंधों को विस्तृत करने के लिए तैयार है।
रूहानी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बातचीत एवं दोनों देशों के बीच अनुबंधों पर हस्ताक्षर होने के बाद जारी एक बयान में कहा कि भारत और ईरान ने आतंकवाद एवं कट्टरपंथ के खिलाफ सहयोग को भी विस्तृत करने का निर्णय लिया है।
 
उन्होंने कहा कि चाबहार बंदरगाह के विकास के त्रिपक्षीय अनुबंध से क्षेत्रीय संपर्क का विकास होगा और भारत को अफगानिस्तान एवं मध्य एशियाई देशों से संपर्क की सहुलियत मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह यात्रा ऐसे समय हुई है, जब हमने परमाणु समझौता सुलझा लिया है और प्रतिबंध हटाए जा चुके हैं, जिसके कारण आर्थिक संबंधों को विस्तृत करने की ऊर्वर जमीन उपलब्ध है।
 
उन्होंने व्यापार से परे जाते हुए आर्थिक संबंधों को और विस्तृत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उनका देश ऊर्जा संसाधनों में धनी है लेकिन भारत के पास खनिज है। चाबहार बंदरगाह दोनों देशों के बीच आर्थिक एवं व्यापारिक संबंधों के लिए रणनीतिक तौर पर अहम बनकर उभरेगा।
 
उन्होंने भारत की मदद से चाबहार विकास परियोजना को अमल में लाए जाने को दोनों देशों के बीच मजबूत सहयोग का प्रतीक बताया। उन्होंने भारत को क्षेत्र एवं एशिया का महत्वपूर्ण देश बताते हुए कहा कि उनका देश भारत के साथ मिलकर क्षेत्र में शांति एवं स्थायित्व स्थापित करने के लिए तैयार है।
 
ईरान के राष्ट्रपति ने इराक, सीरिया एवं यमन में बिगड़ते सुरक्षा हालात का हवाला देते हुए कहा कि इससे क्षेत्र में आतंकवाद का खतरा उत्पन्न हो गया है और भारतीय प्रधानमंत्री के साथ बातचीत के दौरान भी इसे सामने लाया गया। उन्होंने कहा कि हमने खुफिया जानकारियां साझा करने तथा आतंकवाद एवं कट्टरपंथ से लड़ने में सहयोग करने के तरीके पर भी चर्चा की।
 
रूहानी ने कहा कि मोदी के साथ बातचीत के दौरान विज्ञान, तकनीक एवं पर्यटन में सहयोग समेत कई मुद्दे उठाए गए। उन्होंने कहा कि हमने यह भी चर्चा किया कि किस तरह दोनों देशों के लोग पर्यटन के जरिये एक-दूसरे के करीब आ सकते हैं।
 
रूहानी ने कहा कि वह भारत के साथ संबंधों को व्यापार से आगे गहरे आर्थिक साझेदारी तक ले जाना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार ईरान की दो दिवसीय यात्रा पर आए हैं। पिछले 15 साल में द्विपक्षीय संबंधों के लिए ईरान का दौरा करने वाले वह पहले प्रधानमंत्री भी हैं।
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