सावधान, पूर्वानुमान से दोगुना हो सकता है धरती का तापमान
जिनिवा। एक नए अध्ययन में आगाह किया गया है कि अगर वैश्विक तापमान में इजाफे को दो डिग्री सेल्सियस के नीचे सीमित करने का लक्ष्य पूरा भी हो गया तब भी हमारी धरती जलवायु मॉडल के आकलन से दुगुना गर्म हो सकती है।
पत्रिका 'नेचर जियोसाइंस' में प्रकाशित एक अध्ययन में दिखाया गया है कि अगर पेरिस जलवायु लक्ष्य पूरे भी कर लिए जाएं तो समुद्र तल छह मीटर या उससे ज्यादा ऊपर जा सकते हैं।
ये निष्कर्ष पिछले 35 लाख साल के दौरान आए तीन गर्म काल के अवलोकनात्मक साक्ष्य पर आधारित हैं जब धरती 19वीं सदी के पूर्व औद्योगिक तापमान के मुकाबले 0.5 से 2 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म थी।
इस अनुसंधान में यह भी दिखाया गया है कि कैसे ध्रुवीय हिमच्छद के विशाल इलाके ढह सकते हैं और पारिस्थिकीय प्रणाली में ऐसी अहम तब्दीलियां आ सकती हैं जिससे सहारा रेगिस्तान में हरियाली छाएगी और उष्णकटिबंधीय वनों के किनारे, आग से घिरे सवाना मैदानों में बदल सकते हैं।
स्विट्जरलैंड के बर्न विश्वविद्यालय के हुबर्टस फिशर ने बताया, 'पिछले गर्म कालों के अवलोकन बताते हैं कि जलवायु माडलों में अच्छी तरह से पेश नहीं किए गए प्रवर्धनकारी तंत्र जलवायु माडल के पूर्वानुमानों से कहीं आगे दीर्घकालीन तापमान इजाफा बताते हैं।'
फिशर ने कहा, 'यह बताता है कि वैश्विक तापमान में दो डिग्री सेल्सियस के इजाफे से बचने के लिए कार्बन बजट आकलन से बहुत कम हो सकता है और यह पेरिस लक्ष्य पूरा करने में त्रुटि का दायरा बहुत छोता करता है।' (भाषा)