इमरान खान का ऑडियो लीक होने से पाकिस्तान में बवाल, बता रहे थे साइफर का फायदा कैसे उठाएं?
इस्लामाबाद। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का एक ऑडियो लीक होने पर पाकिस्तान की राजनीति में हड़कंप मच गया। इसमें वह अपने सचिव को बता रहे हैं कि अप्रैल में उनकी सरकार गिराने को साजिश के रूप से चित्रित करने के लिए विवादित साइफर का फायदा कैसे उठाया जाए?
सोशल मीडिया पर आए ऑडियो क्लिप में इमरान और उनके तत्कालीन प्रधान सचिव आज़म खान के बीच बातचीत हो रही है। वे वाशिंगटन में पाकिस्तान के राजदूत की एक अमेरिकी की अधिकारी के साथ मुलाकात को लेकर उनके द्वारा भेजे गए, सांकेतिक भाषा में लिखे साइफर के बारे में बात कर रहे हैं।
लीक ऑडियो में इमरान खान को यह कहते सुना जा सकता है, 'हमें सिर्फ इसी (साइफर) पर खेलना है। हमें (किसी भी देश का) नाम लेने की ज़रूरत नहीं है। हमें बस इसके साथ खेलना है, कि (अविश्वास प्रस्ताव की) यह तारीख पहले (से तय) थी।'
ऑडियो में दूसरी आवाज आजम खान की है जो साइफर पर बैठक बुलाने की सलाह दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि देखिए, यदि आपको याद हो, तो उसमें राजदूत ने अंत में आपत्तिपत्र भेजने के लिए लिखा है। भले ही आपत्तिपत्र नहीं भेजा जाना है।
आज़म खान ने कहा कि शाह महमूद कुरैशी और विदेश सचिव के साथ बैठक करते हैं। शाह महमूद कुरैशी उस पत्र को पढ़ेंगे और जो कुछ भी वह पढ़ेंगे उसे एक प्रति में बदल दिया जाएगा। फिर मैं मिनट तैयार करूंगा कि विदेश सचिव ने इसे तैयार किया है।
पूर्व प्रधान सचिव ने कहा कि लेकिन इसका यही विश्लेषण होना चाहिए। हम इसका विश्लेषण करेंगे और उसका ब्यौरा तैयार करेंगे, क्योंकि हम चाहते हैं कि यह आधिकारिक रिकॉर्ड बन जाए। विश्लेषण का यह निष्कर्ष निकालेगा कि यह एक धमकी है। इसे कूटनीतिक भाषा में धमकी कहा जाता है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान की सरकार अप्रैल में संसद में अविश्वास प्रस्ताव हारने से गिर गई थी। खान ने इस साइफर का हवाला देकर आरोप लगाया था कि उनकी सरकार गिराने के लिए अमेरिका की अगुवाई में साजिश रची गई थी, क्योंकि उन्होंने रूस, चीन और अफगानिस्तान के मामले में स्वतंत्र विदेश नीति के तहत फैसले किए। हालांकि अमेरिका ने इस आरोप से इनकार किया है।
जब इमरान खान से मीडिया ने सवाल किया कि साइफर से खेलने का उनका क्या मतलब है, तब उन्होंने कहा कि मैंने अभी तक खेलना शुरू नहीं किया है। साइफर के मसले की उचित तरीके से जांच की जानी चाहिए।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल यह है कि अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मिलने कौन विदेशी नेता हमारे मुल्क में आएगा? इस स्कैंडल ने 22 करोड़ लोगों के मुल्क की इज्जत दांव पर लगा दी है।