पूर्व ISI अधिकारी ने खोली पाक की पोल, जाधव पर भारत को मिला बड़ा सबूत
पाकिस्तान उस वक्त बेनकाब हो गया जब उसके ही एक पूर्व आईएसआई अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल अमजद शोएब स्वीकार किया है कि पूर्व भारतीय नौसेना के अधिकारी कुलभूषण जाधव को ईरान से पकड़ा गया था।
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अमजद शोएब ने माना है कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में नहीं बल्कि ईरान में पकड़ा गया था और उन्हें वहां से लेकर बलूचिस्तान में फर्जी गिरफ्तारी दिखाई गई। इस बयान का इस्तेमाल भारत अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई में कर सकता है। पाकिस्तानी सेना जाधव पर जासूसी और आतंकवाद का आरोप लगा चुकी है, लेकिन सच यह है कि जाधव ईरान में एक व्यापारिक कार्य कर रहे थे। पाकिस्तान यह दावा करता रहा है कि जाधव फर्जी पहचान के तहत ईरान में रह रहे थे और उनका असल मकसद कराची और बलूचिस्तान में आतंकवाद को हवा देना था।
ये पहला मौका नहीं है जब जाधव को लेकर पाकिस्तान की पोल खुली है। पाकिस्तान में जर्मनी के पूर्व राजदूत गुंटर मुलक भी अपने सूत्रों के हवाले से यही बात कह चुके हैं। मुलक का कहना था कि जाधव को ईरान से तालिबान ने अगवा किया और उसके बाद आईएसआई को बेच दिया था। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तानी संसद को बताया था कि जाधव के खिलाफ पुख्ता सबूत मौजूद नहीं हैं।
भारत ने जाधव के बचाव के लिए पाकिस्तान से 16 बार काउंसलर एक्सेस की मांग की, लेकिन हर बार पाक की तरफ से उसे निराशा ही हाथ लगी। तब जाकर मामला अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में चलाया गया। 18 मई को यूएन के अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने पाकिस्तान को निर्देश दिया था कि मामले की सुनवाई जारी रहने तक जाधव को फांसी ना दी जाए। मंगलवार को पाकिस्तानी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय अदालत से मामले की जल्द सुनवाई के लिए अपील दाखिल की है। सरताज अजीज ने दावा किया था कि इस बार जाधव के खिलाफ पैरवी के लिए अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में मजबूत टीम भेजी जाएगी। पाकिस्तान चाहता है कि छह महीने के भीतर जाधव मामले की सुनवाई को पूरा कर लिया जाए। (एजेंसी)