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Last Updated : शनिवार, 27 जनवरी 2018 (18:42 IST)

अब बिना चीर फाड़ के हो सकेगा इलाज

अब बिना चीर फाड़ के हो सकेगा इलाज - Doctors Can Now See Medical Images On Patient’s Body Via New System
टोरंटो। कनाडा में वैज्ञानिकों ने एक ऐसी नई प्रणाली विकसित की है जिसके जरिए बिना चीरे के शरीर की आंतरिक रचना देखी जा सकेगी। मानव शरीर के भीतर किसी अंग की जांच करनी हो तो चीरा लगाने की आवश्यकता पड़ ही जाती है। 
 
अगर इस चीज से बचा जा सके तो रोगी और चिकित्सक दोनों को राहत भी मिलेगी और काम आसान भी हो जाएगा। अब यह केवल एक थ्योरी नहीं, बल्कि सच्चाई बनने वाली है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसी प्रणाली विकसित कर ली है, जिसके जरिए जल्द ही डॉक्टरों को मस्तिष्क की त्वचा के अंदर झांकने के लिए स्कैलपल (डॉक्टरों के इस्तेमाल में आने वाली छुरी) की जरूरत नहीं पड़ेगी। 
 
वैज्ञानिकों ने इस प्रणाली का नाम प्रोजेक्टडीआर रखा है। इसके तहत सीटी स्कैन और एमआरआइ जैसी इमेजिंग तकनीक से उपलब्ध डाटा को मरीज के शरीर पर सीधे तौर पर प्रदर्शित किया जा सकेगा। यदि इस दौरान रोगी हिलता-डुलता है तो यह डेटा भी उसी प्रकार हिलेगा-डुलेगा।
 
वैज्ञानिक इयान वाट्‍स के मुताबिक वह इसे बेहतर बनाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं। इसके तहत आटोमैटिक कैलिब्रेशन की सुविधा दी जाएगी और गहराई में देखने वाले सेंसर भी लगाए जाएंगे। यूनिवर्सिटी के प्रो. पेरी बोलांगर के मुताबिक, अगले चरण के लिए इसकी व्यवहारिकता की जांच की जा रही है। 
 
कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा के इयान वाट्स के मुताबिक, हम एक ऐसा सिस्टम बनाना चाहते थे जो डॉक्टरों को मरीजों के शरीर की आंतरिक रचना को दिखाने में सक्षम हो। संवर्धित वास्तविकता (एआर) वास्तविक दुनिया का एक लाइव प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष दृश्य है। इसे कंप्यूटर द्वारा मानव के शरीर की अवधारणा के आधार पर संवर्धित कर दिया जाता है। 
 
इस तकनीक के तहत इंफ्रारेड कैमरों और मार्करों की मदद से गति पर निगाह रखी जाती है। साथ ही प्रोजेक्टर पर तस्वीर दिखाई देती रहती है। वाट्स का कहना है कि मरीज के शरीर के हिलने-डुलने पर तस्वीरों को ट्रैक करना आसान नहीं होता। इसे ध्यान में रखते हुए इस प्रणाली के सभी यंत्रों को एक साथ काम करने दिया जाता है। इस प्रणाली के तहत शरीर के किसी विशेष हिस्से की भी संवर्धित तस्वीर देखी जा सकती है। 
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