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Last Updated : मंगलवार, 17 नवंबर 2020 (19:22 IST)

भारत के निशाने पर चीन, मुट्‍ठीभर देश रोक रहे हैं UNSC में सुधार

भारत के निशाने पर चीन, मुट्‍ठीभर देश रोक रहे हैं UNSC में सुधार - China targeted at India, all countries are stopping UNSC reforms
संयुक्त राष्ट्र। भारत ने संयुक्त राष्ट्र की शक्तिशाली सुरक्षा परिषद में लंबे समय से अटके सुधार के लिए 'निर्णायक आंदोलन' के लिए सही समय होने का जिक्र करते हुए कहा कि मुट्ठी भर देश अंतरसरकारी वार्ताओं (आईजीएन) का इस्तेमाल 'गुमराह' करने के लिए कर रहे हैं और 'अक्षम' बन चुकी सुरक्षा परिषद में सुधार की प्रक्रिया को रोक रहे हैं। परोक्ष रूप से भारत का इशारा चीन की ओर था जो भारत से जुड़े हर मामले में अड़ंगा लगाता रहता है।
 
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने ‘समान प्रतिनिधित्व और सुरक्षा परिषद के सदस्यों की संख्या बढ़ाने के सवाल’ पर कहा कि आईजीएन में एक दशक से भी ज्यादा समय होने के बावजूद बात आगे नहीं बढ़ी, सिवाय सुधारों की आवश्यकता पर बयानबाजी के।
 
तिरुमूर्ति ने सोमवार को कहा कि आज सुरक्षा परिषद एक अक्षम अंग है। वह विश्वसनीय तरीके से कार्रवाई करने में समर्थ नहीं है, खास तौर पर अपनी गैरप्रतिनिधित्व प्रकृति के कारण। लेकिन तब, आईजीएन प्रक्रिया के अंतर्गत क्या हो रहा है, जिससे हम बंधे हुए हैं?
 
समझौते के एक भी मसौदे के नहीं होने को लेकर आलोचना करते हुए तिरुमूर्ति ने कहा कि आईजीएन संयुक्त राष्ट्र में संप्रभु राष्ट्रों की सदस्यता वाले गंभीर नतीजा केंद्रित प्रक्रिया के बजाय विश्वविद्यालय में बहस के मंच सरीखा बन गया है।
 
उन्होंने कहा कि और हम इस गतिरोध तक कैसे पहुंचे? क्योंकि कुछ मुट्ठी भर देश हमें आगे नहीं बढ़ने देना चाहते। उन्होंने आईजीएन को प्रगति करने से रोका है। वे सुरक्षा परिषद में सुधार के मामले में सिर्फ मौखिक सेवा देने के अपने काम को छिपाने के लिए आईजीएन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
 
तिरुमूर्ति ने कहा कि वे जो शर्तें रख रहे हैं उन्हें पूरा करना नामुमकिन है- जिस पर सभी सदस्य राष्ट्र सर्वसम्मत हैं। दुर्भाग्य से यह ऐसे समय हो रहा है जब हम पिछले हफ्ते खुद को ई-मतदान अधिकार देने की हड़बड़ी में थे। लेकिन आईजीएन के लिए ई-मतदान की तो बात छोड़िए वे मतदान भी नहीं चाहते, सिर्फ पूर्ण सर्वसम्मति चाहते हैं। तिरुमूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए निर्णायक आंदोलन की जरूरत पर बल दिया। 
(file photo)