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Last Updated :बीजिंग , सोमवार, 17 अक्टूबर 2016 (15:20 IST)

चीन की बड़ी छलांग, अंतरिक्ष में भेजा मानवयुक्त यान

चीन की बड़ी छलांग, अंतरिक्ष में भेजा मानवयुक्त यान - China launches longest manned space mission
चीन ने अब तक के सबसे लंबे मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान के तहत दो अंतरिक्ष यात्रियों के साथ सोमवार को एक अंतरिक्ष यान प्रक्षेपित किया और इसके साथ ही वह वर्ष 2022 तक अपना स्थायी अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने के लक्ष्य के एक कदम करीब पहुंच गया। यह यान बाद में पृथ्वी की परिक्रमा कर रही चीन की दूसरी अंतरिक्ष प्रयोगशाला में मिलेगा।
 
'शेनझोउ-11' अंतरिक्ष यान में सवार चीन के अंतरिक्ष यात्रियों जिंग हाइपेंग (50) और चेन दोंग (37) ने चीन में गोबी रेगिस्तान के पास जियुक्वान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से स्थानीय समयानुसार साढ़े सात बजे (भारतीय समयानुसार सुबह पांच बजे) अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी। सरकारी चीन सेंट्रल टेलीविजन (सीसीटीवी) ने इस प्रक्षेपण का सीधा प्रसारण किया।
 
'लॉन्ग मार्च-2 एफ' वाहक रॉकेट शेनझोउ 11 को कक्षा में लेकर गया।
 
चीन के मानवयुक्त अंतरिक्ष इंजीनियरिंग कार्यालय की उपनिदेशक वू पिंग ने बताया कि यह दो दिन में पृथ्वी की परिक्रमा कर रही थियानगोंग-2 अंतरिक्ष प्रयोगशाला से मिल जायेगा और दोनों अंतरिक्षयात्री 30 दिन तक यहां रहेंगे।
 
अंतरिक्ष से रवाना होने से कुछ घंटों पहले दोनों अंतरिक्ष यात्री प्रसन्नचित्त दिखे और उन्होंने कई प्रश्नों के उत्तर दिए। इस मिशन के कमांडर जिंग ने कल संवाददाताओं से कहा, 'हालांकि यह काम मुश्किल, जोखिम भरा और खतरनाक है लेकिन मैं यही करना चाहता हूं।' जिंग की अंतरिक्ष में यह तीसरी उड़ान है। इससे पहले उन्होंने सितंबर 2008 में शेनझोउ-7 और मार्च 2012 में शेनझोउ-9 अभियान में हिस्सा लिया था।
 
उन्होंने कहा, 'इस अभियान के लिए: हमने आपात स्थितियों से निपटने, प्राथमिक चिकित्सा और अंतरिक्ष प्रयोगशालाओं के संबंध में अपनी क्षमताओं में सुधार किया है।' चेन ने कहा, 'मैं अंतरिक्ष में बिताए जाने वाले हर पल को स्मृतियों में संजो कर रखूंगा और यह सुनिश्चित करूंगा कि मैं अपना अनुभव डायरी में लिख सकूं और इस दुनिया के बाहर के दृश्य का आनंद ले सकूं।'
 
चीन ने अपना पहला मानवयुक्त अभियान 2003 में शुरू किया था। वह अमेरिका तथा यूरोप की बराबरी करने की मुहिम के तहत अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए भारी राशि खर्च करता है। चीन की भारत एवं अन्य की बराबरी करने मकसद से वर्ष 2020 तक अपना पहला मंगल अभियान शुरू करने की योजना है।
 
चीन ने कहा है कि उसका अंतरिक्ष कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्य के लिए है लेकिन उसने अपने असैन्य मकसदों के अलावा उपग्रह रोधी मिसाइल का भी परीक्षण किया है। वू के अनुसार शेनझोउ-11 अंतरिक्षयान दोनों अंतरिक्षयात्रियों को थियानगोंग-2 अंतरिक्ष प्रयोगशाला में उतारने और इससे खुद को अलग करने के बाद एक दिन के अंदर पृथ्वी पर वापस आ जाएगा।
 
चीन ने वर्ष 2022 तक अपना मानवयुक्त अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने के प्रयासों के तहत पिछले महीने अंतरिक्ष प्रयोगशाला को प्रक्षेपित किया गया था। इसके साथ ही चीन एक मात्र ऐसा देश बन जाएगा जिसके पास सेवा में ऐसी सुविधा होगी क्योंकि मौजूदा समय में सेवा मुहैया करा रहा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) वर्ष 2024 तक सेवानिवृत्त हो जाएगा। चीन अमेरिका तथा यूरोप की बराबरी करने की मुहिम के तहत अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए भारी राशि खर्च कर रहा है। चीन की भारत एवं अन्य की बराबरी करने के मकसद से वर्ष 2020 तक अपना पहला मंगल अभियान शुरू करने की योजना है।
 
उन्होंने बताया कि मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान के अन्य लक्ष्यों में एयरोस्पेस चिकित्सकीय प्रयोग, अंतरिक्ष विज्ञान प्रयोग एवं मानवीय भागीदारी के साथ कक्षा में रखरखाव का काम करना और अन्य गतिविधियां शामिल हैं।
 
दोनों अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष यात्रा के दौरान पहली बार अल्ट्रासाउंड परीक्षण करेंगे। वे इस दौरान अंतरिक्ष में पौधारोपण करेंगे और सेकेंडरी स्कूल के छात्रों के लिए हांगकांग में आयोजित एक प्रयोग डिजाइन प्रतियोगिता के तीन विजेताओं के प्रयोगों का परीक्षण करेंगे।
 
वु ने कहा कि शेनझोउ 11 में कई तकनीकी बदलाव किए गए हैं लेकिन इसके मुख्य कार्य एवं तकनीकी मापदंड मूल रूप से शेनझोउ-10 की तरह ही हैं। (भाषा)