ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ने किया 'जलवायु सम्मेलन' का उद्घाटन
ग्लास्गो। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सोमवार को सीओपी26 जलवायु सम्मेलन का ग्लास्गो में उद्घाटन किया और धरती के गर्म होने की स्थिति की तुलना जेम्स बांड की फिल्मों की कहानी से की। उन्होंने कहा, आधी रात होने में एक मिनट का समय बचा है और हमें अभी कार्रवाई करनी होगी उन्होंने कहा, मेरे साथी वैश्विक नेताओं, हम लगभग उसी स्थिति में हैं जैसे कि जेम्स बांड। अंतर केवल इतना है कि यह कोई फिल्म नहीं है…, दुनिया को समाप्त करने वाला हथियार वास्तविक है।
जॉनसन ने यह उदाहरण फिल्मों में दिखाए जाने वाले काल्पनिक किरदार जेम्स बांड की उस स्थिति के रूप में दिया जिसमें वह दुनिया को खत्म करने वाली ताकतों से लड़ता है। जॉनसन ने चेताया कि वैश्विक ताप में दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि से खाद्य आपूर्ति रुक सकती है, तीन डिग्री की बढ़त से और अधिक दावानल और चक्रवात आ सकते हैं जबकि चार डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ने से समूचे शहर बर्बाद हो सकते हैं।
अपने संबोधन में जॉनसन ने कहा कि जब तक वैश्विक तापमान को कम कर डेढ़ डिग्री सेल्सियस तक नहीं लाया जाएगा, तब तक दुनिया पर शहरों की बर्बादी का खतरा मंडराता रहेगा। उन्होंने कहा, मियामी और शंघाई लहरों के नीचे डूब जाएंगे। हम कार्रवाई करने में जितनी देर करेंगे, स्थिति उतनी बदतर होती जाएगी और हमें इसकी भारी कीमत चुकानी होगी क्योंकि मानवता के जलवायु परिवर्तन को कभी महत्व नहीं दिया।
उद्घाटन भाषण में जॉनसन ने जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के भाषण का भी उल्लेख किया जिसमें उसने वैश्विक नेताओं के खोखले दावों की आलोचना की थी। सीओपी26 सम्मेलन के अध्यक्ष के तौर पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा, बच्चे और उनके होने वाले बच्चे हमारा मूल्यांकन करेंगे और हमें भावी पीढ़ियों को जवाब देना होगा और हम इससे बच नहीं सकते क्योंकि अगर हम विफल हुए तो वे हमें माफ नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा, वह जान जाएंगे कि ग्लास्गो एक ऐतिहासिक मोड़ था जब इतिहास ने बदलने से इनकार कर दिया। वह हमारा मूल्यांकन कड़वाहट और असंतोष के साथ करेंगे जो जलवायु परिवर्तन पर होने वाले किसी भी सम्मेलन पर काली छाया बनकर रहेगा। वे अपने मूल्यांकन में सही होंगे। जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर सीओपी26, कहानी का अंत नहीं होना चाहिए।
जॉनसन के भाषण के बाद प्रिंस चार्ल्स ने अपना भाषण दिया और कहा कि विश्व के निर्णय लेने वालों को जलवायु संकट पर नवाचार युक्त समाधान निकालने के बारे में सोचना चाहिए।(भाषा)