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Last Modified: रविवार, 13 अक्टूबर 2019 (07:22 IST)

भारत से लौटने के बाद चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग बोले- किसी भी हालत में संबंध नहीं होने देंगे खराब

भारत से लौटने के बाद चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग बोले- किसी भी हालत में संबंध नहीं होने देंगे खराब - Bilateral Differences Should Not be Allowed to Dilute India-China Cooperation: Xi Jinping after India Visit
बीजिंग। दो दिन के भारत दौरे से लौटने के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि भारत और चीन के संबंधों को किसी भी स्थिति में खराब नहीं होने दिया जाएगा।
 
चेन्नई में प्रधानमंत्री नरेंद मोदी से लंबी बातचीत के बाद भारत-चीन संबंधों के विकास के लिए दीर्घकालिक योजना का आह्वान करते हुए चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि द्विपक्षीय मतभेदों को आपसी सहयोग को कमजोर करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।
 
मामल्लापुरम में मोदी और शी की दो दिन की बातचीत पर चीन की सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया कि दोनों नेताओं ने चीन-भारत संबंधों पर गहराई से विचारों का आदान-प्रदान किया और राष्ट्रपति ने कहा कि हमें एक दूसरे के मूल हितों से जुड़े मुद्दों को बड़ी सावधानी से लेना चाहिए। हमें उन समस्याओं का उपयुक्त ढंग से प्रबंधन और नियंत्रण करना चाहिए, जिन्हें फिलहाल सुलझाया नहीं जा सकता।
 
बड़े अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर हुई चर्चा : शिन्हुआ के अनुसार दोनों नेताओं ने दोस्ताना और सहज माहौल में साझा हित के बड़े अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की।
 
शी ने कहा कि पिछले साल वुहान में मोदी के साथ अपनी सफल बैठक के बाद चीन-भारत संबंध ने मजबूत एवं स्थिर विकास के नए चरण में कदम रखा है और इस बैठक के सकारात्मक प्रभाव लगातार उभरकर सामने आ रहे हैं।
 
6 सूत्री फॉमूले का प्रस्ताव : शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार और शनिवार को अपने दूसरे अनौपचारिक सम्मेलन के दौरान मोदी के साथ कई घंटों तक बातचीत करने वाले चीनी राष्ट्रपति ने विवादों को संबंधों पर प्रभाव डालने की अनुमति दिए बगैर संबंधों के निरंतर विकास के लिए 6सूत्री फार्मूले का प्रस्ताव दिया।
 
शिन्हुआ ने शी के हवाले से कहा कि पहले, हमें एक दूसरे के विकास का सही अवलोकन करना चाहिए और रणनीतिक परस्पर विश्वास बढ़ाना चाहिए।’
 
शी ने कहा कि भले ही कोई भी दृष्टिकोण हो, लेकिन चीन और भारत को अच्छा पड़ोसी एवं साझेदार होना चाहिए, जो सद्भाव के साथ रहें और हाथ में हाथ डालकर आगे बढ़े।
 
उन्होंने कहा कि ड्रैगन (चीन का प्रतीक) और हाथी (भारत का प्रतीक) का उल्लास मनाना ही चीन और भारत का एकमात्र सही विकल्प है, जो दोनों देशों और उनके लोगों के मौलिक हित में है।
 
शी ने कहा कि दोनों देशों के बीच मतभेदों को सही तरीके से देखा जाना चाहिए। हमें उसे द्विपक्षीय सहयोग के संपूर्ण हितों को कमजोर नहीं करने देना चाहिए। साथ ही, हमें संवाद के माध्यम से आपसी समझ बनाने की कोशिश करनी चाहिए तथा लगतार मतभेदों को सुलझाना चाहिए।
 
खोजेंगे सीमा विवाद का समाधान : अगले कुछ सालों को दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों को दोस्ताना सहयोग के उज्ज्वल मार्ग पर जाना चाहिए और दोनों ऐसा कर सकते हैं।
 
3488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सीमा विवाद के संबंध में उन्होंने कहा कि राजनीतिक मार्गदर्शक सिद्धांतों के अनुसार हमें सीमा मुद्दे का निष्पक्ष एवं तार्किक समाधान खोजना चाहिए, जो दोनों पक्षों को मंजूर हो।
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