मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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नवलनी की मृत्यु पुतिन के लिए दवा की जगह बन सकती है और भी बड़ा दर्द

पत्नी यूलिया ने कहा- पति के कामों को जारी रखेंगी और देश के लिए लड़ेंगी

Yulia Navalny
  • परिवार को नहीं मिला नवलनी का शव 
  • मृत्यु का कारण अब भी संदिग्ध
  • पुतिन को टक्कर देना चाहते थे नवलनी
Death of anti Putin Russian Alexey Navalny: रूसी साइबेरिया के एक कैदी शिविर में, शुक्रवार 16 फरवरी को, एलेक्सी नवलनी की मृत्यु से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की समस्याएं घटने की जगह और अधिक बढ़ सकती हैं। रूस के कई शहरों में सैकड़ों लोगों की धर-पकड़ हुई है और यूरोपीय संघ तथा अमेरिका, रूस के विरुद्ध और अधिक प्रतिबंध लगाने जा रहे हैं। 
 
नवलनी की मृत्यु एक ऐसे दिन हुई है, जब जर्मनी के शहर म्यूनिक में 60वां अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन शुरू हुआ था। सम्मेलन में अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और विदेशमंत्री एंटनी ब्लिकंन, भारत के विदेशमंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेशमंत्री वांग यी, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और जर्मनी के चांसलर ओलाफ़ शोल्त्स जैसे एक से एक बड़े राजनेताओं, राजनयिकों व रक्षा-विशेषज्ञों सहित 800 से अधिक लोगों ने भाग लिया।
 
पत्नी यूलिया का संबोधन : सम्मेलन के पहले ही दिन एलेक्सी नवलनी की पत्नी यूलिया नवलनी को भी इस सम्मेलन को संबोधित करना था। जब वे पोडियम पर माइक्रोफोन के सामने खड़ी हुईं, तब तक पक्के तौर पर नहीं जानती थीं कि वे विधवा हो गई हैं या नहीं। उनके शब्द थेः 'मैं इसी सोच में पड़ी हूं कि आप लोगों से कुछ कहूं या अपने बच्चों के पास लौट जाऊं। लेकिन, यह भी सोचा कि मेरी जगह यदि एलेक्सी होता, तो वह क्या करता। मुझे पक्का विश्वास है कि वह यहीं रहता और अपनी बात कहता।' हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
 
यूलिया नवलनी ने अपने संबोधन में कहा कि 'हम (एलेक्सी की मृत्यु के) इस भयावह समचार पर  -जो रूस के सरकारी स्रोतों से आया है- विश्वास करें या न करें, वर्षों से हम जानते हैं कि पुतिन और पुतिन की सरकार पर हम भरोसा नहीं कर सकते। वे हमेशा झूठ बोलते हैं।....लेकिन यदि यह (समाचार) सही है, तो मैं यही कहना चाहती हूं कि पुतिन और पुतिन के लिए काम करने वाले सभी लोग जान लें कि वे भी अपने उस किए की सजा पाए बिना नहीं रहेंगे, जो उन्होंने हमारे देश के साथ किया है।'
 
भावभीना वीडियो संदेश : दो बच्चों की मां यूलिया ने सोमवार, 19 फरवरी को यूट्यूब पर एक बहुत ही भावभीना वीडियो संदेश डाला है, जिसमें उनका कहना है कि वे अपने दिवंगत पति का 'कार्य जारी रखेंगी। अपने देश के लिए लड़ेंगी।' अपने समर्थकों और देशवासियों से अपील की है कि इस लड़ाई में वे उनका साथ दें। बहते आंसुओं के बीच राष्ट्रपति पुतिन पर आरोप लगाया है कि वे न केवल उनके पति की मृत्यु के लिए उत्तरदायी हैं, रूसी जनता की आशा, स्वतंत्रता और उसके प्रति न्याय को भी उन्होंने छीन लिया है। इसलिए भी वे अपने पति द्वारा छेड़े गए संघर्ष को जारी रखेंगी।  
 
इस वीडियो में नवलनी दंपति की बहुत सी निजी तस्वीरें और सार्वजनिक सभाओं के दृश्य भी दिखाई पड़ते हैं। यह आरोप भी लगाया गया है कि एलेक्सी नवलनी को साइबेरियाई सज़ा शिविर में बार-बार सीमेंट कंक्रीट के एक छोटे-से कठघरे में अकेले रख कर और यातनाएं दे कर मारा गया है। पुतिन के आदेश पर जिस व्यक्ति ने नवलनी की जान ली है, उसका नाम जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा। 
परिवार को शव नहीं मिला : 47 वर्षीय एलेक्सी नवलनी की मृत्यु के 16 फरवरी को आए समचार के तीन दिन बाद तक उनके परिवार को उनका शव नहीं मिला था। वीडियो में एलेक्सी नवलनी की मां को मॉस्को से 1900 किलोमीटर दूर, उत्तरी साइबेरिया के उस इलाके में उनका शव ढूंढते हुए दिखाया गया है, जहां उनकी मृत्यु हुई बताई जाती है। उनकी मां अपने वकील के साथ वहां गई थीं, पर उन्हें शव नहीं दिया गया।
 
पत्नी यूलिया का मानना है कि उनके पति का शव उन्हें तब तक नहीं दिया जाएगा, जब तक उनको को मारने के लिए इस्तेमाल किए गए स्नायु विष 'नोविचोक' का उनके शरीर में कोई निशान शेष नहीं बचेगा। अगस्त 2020 में उन्हें एक विमान में इसी रासायनिक विष से मार डालने का प्रयास हो चुका है। उस समय बर्लिन में जर्मनी के सबसे बड़े अस्पताल शारिते में उनके इलाज द्वारा उनकी जान बचा ली गई थी। ठीक होने के बाद –– सभी लोगों द्वारा सावधान किए जाने के बावजूद –– 17 जनवरी 2021 को नवलनी बर्लिन से रूस लौटने के लिए विमान में बैठे। विमान जैसे ही मॉस्को में उतरा, उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। तब से उनके दिन जेलों में ही बीत रहे थे।  
 
मृत्यु का कारण : अधिकारिक तौर पर यही कहा गया था कि नवलनी की जहां मृत्यु हुई है, उस जगह का अनौपचारिक नाम 'पोलरवोल्फ' (ध्रुवीय भेड़िया) है। मृत्यु का कारण यह बताया गया कि दुर्बल हो गए नवलनी को कई बार एकल कोठरी में रहने का आदेश दिया गया था। इस बार बर्फीली ठंड के बीच शिविर के अहाते में चलते-फिरते समय वे गिर गए। शिविर के अधिकारियों के कहने के अनुसार, एलेक्सी नवलनी को 'पुनर्जीवित करने के प्रयास विफल रहे।'
 
नवलनी की मृत्यु शारीरिक दुर्बलता के कारण हुई या किसी विष आदि से, ऐसी कोई अटकल या बहस इस कारण व्यर्थ है कि रूसी राष्ट्रपति का सबसे लोकप्रिय विरोधी होने के कारण वे पुतिन की आंख का कांटा बन गए थे। जनवरी 2021 में बर्लिन से आते ही मॉस्को हवाई अड्डे पर नवलनी की गिरफ्तारी के बाद से ही पुतिन के आलोचक कहते रहे हैं कि देर-सवेर उनका वैसा ही कोई अंत होना निश्चित है, जैसा अब हम देख रहे हैं। 
 
नवलनी शायद यह सोचते थे कि उन्होंने जो अभियान छेड़ा है, उसे उसकी परिणति तक नहीं ले जाना सरासर कायरता होगी। शायद यह भी सोचते रहे होंगे कि परिवार मॉस्को में है, उसे अकेला नहीं छोड़ सकते। हांलाकि वे यदि चाहते, तो जर्मनी में या किसी दूसरे पश्चिमी देश में रहकर परिवार को अपने पास बुला सकते थे।
 
नवलनी का युवाकाल : एलेक्सी नवलनी का जन्म 1976 में मॉस्को से पश्चिम में पड़ने वाले बूतीन नाम के एक गांव में हुआ था। पिता एक सरकारी अफसर थे और मां बहीखाता लेखक। अपने युवाकाल में वे रॉक संगीत के रसिया थे। जल्द ही भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक अभियान भी छेड़ दिया। अभियान को अच्छा-खासा जनसमर्थन भी मिला। कानून की और शेयर बाजार जैसे विषयों की पढ़ाई की।
 
उन्हीं दिनों इंटरनेट पर ब्लॉग अदि भी लिखने लगे। जल्द ही ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे रूसी सोशल मीडिया के हर स्वरूप पर दिखाई पड़ने लगे। उनके चहेतों का अंबार लग गया। रूस में भ्रष्टाचारों का भंडाफोड़ करने और आर्थिक-वित्तीय गड़बड़ियों की बखिया उधेड़ने वाले उनके ब्लॉग और पोडकास्ट बड़े चाव से देखे-पढ़े और सुने जाते थे, हालांकि सरकारी मीडिया उनका बहिष्कार करता था। 
 
पुतिन को टक्कर देना चाहते थे : एलेक्सी बहुत जल्दी बहुत प्रसिद्ध हो गए। 2013 में मॉस्को के मेयर पद के चुनाव में उन्हें 27 प्रतिशत वोट मिले। 2018 में राष्ट्रपति के चुनाव के समय पुतिन के विरुद्ध प्रत्याशी बनना चाहते थे। उस समय अपने समर्थकों का एक बड़ा तानाबाना खड़ा किया था, पर रूस के केंद्रीय चुनाव आयोग ने उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति देने से मना कर दिया। 2021 में गिरफ्तारी के बाद से सब कुछ छिन्न-भिन्न हो गया है। रूस में जो कोई पुतिन से टकराता है, वह मिट्टी में मिल जाता है। कोई नहीं जानता कि अब तक कितने लोग मिट्टी में मिल चुके हैं।
 
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