Robotics in IVF: AI तकनीक ने हमारे जीवन के हर पहलू को बदल दिया है, और अब यह बदलाव मेडिकल साइंस के एक ऐसे क्षेत्र में दस्तक दे रहा है, जिसके बारे में कुछ समय पहले तक सोचना भी मुश्किल था। मैक्सिको के ग्वाडलजारा में एक 40 वर्षीय महिला ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। यह घटना चिकित्सा विज्ञान के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो बांझपन के इलाज के लिए नई उम्मीदें जगाती है। इस अविश्वसनीय उपलब्धि को कॉन्सिवेबल लाइफ साइंसेज (Conceivable Life Sciences) की एक टीम ने संभव बनाया है। उन्होंने इंट्रासाइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन (ICSI) प्रक्रिया के 23 महत्वपूर्ण चरणों को AI की मदद से प्रोसेस किया। ICSI एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें शुक्राणु को सीधे अंडे में इंजेक्ट किया जाता है ताकि निषेचन हो सके। आमतौर पर, यह प्रक्रिया अनुभवी भ्रूणविज्ञानियों द्वारा मैन्युअल रूप से की जाती है, जिसमें सटीकता और कुशलता की आवश्यकता होती है।
कैसे AI ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका?
कॉन्सिवेबल लाइफ साइंसेज की टीम ने एक विशेष AI एल्गोरिथम विकसित किया, जो ICSI प्रक्रिया के विभिन्न चरणों का विश्लेषण और अनुकूलन करने में सक्षम है। इस एल्गोरिथम ने शुक्राणु के चयन से लेकर अंडे में इंजेक्शन लगाने तक की पूरी प्रक्रिया को निर्देशित किया। AI ने सबसे स्वस्थ शुक्राणु की पहचान करने, इंजेक्शन के लिए इष्टतम स्थान निर्धारित करने और सटीक गहराई पर शुक्राणु को इंजेक्ट करने में मदद की। इस प्रक्रिया में मानवीय हस्तक्षेप को न्यूनतम रखा गया, जिससे संभावित मानवीय त्रुटियों की संभावना कम हो गई। AI ने न केवल सटीकता बढ़ाई बल्कि प्रक्रिया की दक्षता में भी सुधार किया, जिससे सफल निषेचन की संभावना बढ़ गई।
इस नई प्रणाली में AI ने दो महत्वपूर्ण कार्य किए:
1. स्पर्म का चयन: AI एल्गोरिथम उच्च गुणवत्ता वाले शुक्राणुओं की पहचान करने में सक्षम था, जिससे निषेचन की सफलता की संभावना बढ़ जाती है। पारंपरिक तरीकों में, यह चयन विशेषज्ञ की व्यक्तिपरक राय पर आधारित हो सकता है। AI की मदद से, सबसे स्वस्थ और सक्षम शुक्राणुओं का वस्तुनिष्ठ चयन संभव हो सका।
2. स्पर्म का इंजेक्शन: AI-नियंत्रित रोबोटिक प्रणाली ने चयनित शुक्राणु को लेजर की मदद से निष्क्रिय किया और फिर उसे सटीकता से अंडाणु में इंजेक्ट किया। यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल नियंत्रण में होने के कारण मानवीय त्रुटियों की संभावना लगभग समाप्त हो गई। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस पूरी प्रक्रिया को एक अंडाणु के लिए लगभग 9 मिनट और 56 सेकंड का समय लगा। यह न केवल कुशल है, बल्कि इसने सटीकता के एक नए स्तर को भी प्राप्त किया है।
अधिक उम्र में मां बनना होगा अब ज्यादा आसान
यह सफलता उन महिलाओं के लिए एक बड़ी उम्मीद की किरण लेकर आई है जो अधिक उम्र में मां बनना चाहती हैं या जिन्हें बांझपन से जुड़ी अन्य समस्याएं हैं। उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं की प्रजनन क्षमता कम होती जाती है, और ICSI जैसी सहायक प्रजनन तकनीकें अक्सर उनकी एकमात्र उम्मीद होती हैं। AI-असिस्टेड ICSI प्रक्रिया की सफलता यह दर्शाती है कि तकनीक इस चुनौती का सामना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
AI की मदद से ICSI प्रक्रिया को और अधिक सुलभ और सफल बनाया जा सकता है। यह न केवल प्रक्रिया की सटीकता और दक्षता में सुधार कर सकता है बल्कि लागत को भी कम करने में मदद कर सकता है, जिससे यह तकनीक अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सकेगी।
AI का प्रजनन तकनीक में भविष्य:
AI की भूमिका आने वाले समय में प्रजनन तकनीक के क्षेत्र में महत्वपूर्ण होगी । AI-पावर्ड उपकरण और सॉफ्टवेयर डॉक्टरों को इनफर्टिलिटी (infertility) के कारणों का पता लगाने, आईवीएफ (IVF) जैसी प्रक्रियाओं को अधिक प्रभावी बनाने और भ्रूण के विकास की निगरानी करने में मदद कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, AI एल्गोरिदम शुक्राणु और अंडे की गुणवत्ता का विश्लेषण करने, सबसे स्वस्थ भ्रूण का चयन करने और गर्भावस्था की सफलता की संभावनाओं का अनुमान लगाने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, AI का उपयोग कृत्रिम गर्भाशय (artificial womb) के विकास में भी किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य समय से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं की देखभाल करना है।
मैक्सिको में AI बच्चे का जन्म निस्संदेह मेडिकल साइंस के इतिहास में एक क्रांतिकारी कदम है। यह दर्शाता है कि AI में मानव शरीर की जटिल प्रक्रियाओं को समझने और उन्हें बेहतर बनाने की अपार क्षमता है। यह सफलता भविष्य में प्रजनन चिकित्सा के क्षेत्र में और अधिक नवाचारों का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
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