4 Israeli soldiers, 200 Palestinians released in Gaza ceasefire deal : हमास आतंकवादियों ने गाजा पट्टी में लड़ाई रोकने के लिए इजराइल के साथ हुए युद्ध विराम समझौते के तहत उसकी चार महिला सैनिकों को शनिवार को भीड़ के सामने परेड कराने के बाद रिहा कर दिया। इजराइल ने अपनी चार महिला सैनिकों की रिहाई के बदले 200 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ दिया। इनमें 120 ऐसे कैदी शामिल हैं, जो इजराइल के लोगों पर घातक हमलों के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद उम्रकैद की सजा काट रहे थे।
लगभग 70 फिलिस्तीनी कैदियों को मिस्र भेजा गया। मिस्र ने दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने में अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि, इजराइल ने स्पष्ट किया कि वह विस्थापित फिलिस्तीनियों को फिलहाल उत्तरी गाजा में अपने घरों की ओर लौटने की इजाजत नहीं देगा।
हमास आतंकवादियों की घेराबंदी में चारों इजराइली महिला सैनिक गाजा सिटी के फलस्तीन चौक पर बने मंच पर पहुंचीं। उन्होंने मुस्कराकर और हाथ हिलाकर चौक पर जुटी हजारों लोगों की भीड़ का अभिवादन किया। इसके बाद उन्हें रेड क्रॉस के कर्मियों को सौंप दिया गया, जो मंच से दूर अपने वाहनों में उनका इंतजार कर रहे थे।
दूसरी ओर, इजराइल की कारागार सेवा ने बताया कि उसने 200 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की प्रक्रिया पूरी कर दी है, जिनमें इजराइल के लोगों पर घातक हमलों के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहे 120 कैदी भी शामिल हैं।
इजराइल ने शुरुआत में 70 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करते हुए उन्हें मिस्र भेज दिया था। फलस्तीन में कैदियों के अधिकारों की वकालत करने वाले एक समूह के प्रमुख अब्दुल्ला अल-जगारी ने कहा कि मिस्र भेजे गए 70 फिलिस्तीनी कैदियों में से कुछ अल्जीरिया, ट्यूनीशिया और तुर्किये जा सकते हैं।
मिस्र के सरकारी समाचार चैनल काहिरा टीवी ने बताया कि 70 फिलिस्तीनी कैदियों को मिस्र में छोड़ा गया और वे गाजा से लगी राफा सीमा को पार करते हुए मिस्र में दाखिल हुए। मिस्र ने इजराइल एवं हमास के बीच एक साल से अधिक समय तक चली उस वार्ता में प्रमुख मध्यस्थ के रूप में कार्य किया था, जिसके कारण यह युद्ध विराम समझौता संभव हुआ।
बाकी 130 फिलिस्तीनी कैदियों को लेकर बसें इजराइल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक की ओफर जेल से यरूशलम के रास्ते रामल्ला शहर की तरफ बढ़ीं, जहां रिश्तेदारों और समर्थकों की भीड़ उनका इंतजार कर रही थी।
इजराइली सेना ने हमास द्वारा छोड़ी गई चारों महिला सैनिकों-करीना एरिएव (20), डेनियेला गिल्बोआ (20), नामा लेवी (20) और लिरी अल्बाग (19) के उसके पास पहुंचने की पुष्टि की है। उसने बताया कि हमास आतंकवादियों ने इन महिला सैनिकों को गाजा पट्टी में हजारों लोगों की भीड़ के सामने परेड कराने के बाद रेड क्रॉस को सौंप दिया था।
तेल अवीव के बंधक चौक पर लगाई गई विशाल स्क्रीन पर पूरा घटनाक्रम दिखाया जा रहा था। इस दौरान वहां जुटी सैकड़ों लोगों की भीड़ ने चारों महिला सैनिकों की रिहाई का जश्न मनाया।
बाद में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने इजराइली सैन्य अड्डे पर चारों महिला सैनिकों के स्वागत का वीडियो जारी किया। वीडियो में इनमें से एक महिला सैनिक वाहन में सवार होने से पहले मुस्कराकर आभार जताते हुए नजर आ रही है।
नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि हमास द्वारा शनिवार को एक और इजराइली बंधक अर्बेल यहूद को भी रिहा किया जाना था। उसने स्पष्ट किया कि यहूद की रिहाई तक इजराइल युद्ध से विस्थापित फलस्तीनियों को उत्तरी गाजा में अपने घरों की ओर लौटने की अनुमति नहीं देगा।
वहीं, हमास के एक वरिष्ठ कमांडर ने कहा कि समूह ने मध्यस्थों को सूचित कर दिया है कि यहूद को अगले हफ्ते रिहा किया जाएगा। इस बीच, मिस्र के एक अधिकारी ने यहूद की रिहाई को “छोटा मुद्दा” करार दिया और कहा कि मध्यस्थ इसे सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।
शनिवार को इजराइल और हमास के बीच बंधकों और कैदियों की संभावित अदला-बदली के मद्देनजर तेल अवीव के बंधक चौक और गाजा सिटी के फलस्तीन चौक पर सुबह से ही भीड़ जुटने लगी थी। यह दोनों पक्षों के बीच गाजा पट्टी में पिछले सप्ताहांत प्रभावी हुए युद्ध विराम समझौते के तहत इस तरह की दूसरी अदला-बदली है।
युद्ध विराम समझौते का मकसद गाजा पट्टी में इजराइल और हमास के बीच अब तक के सबसे भीषण और विनाशकारी युद्ध को समाप्त करना है। इस पर अमल से क्षेत्र में हवाई हमले रुक गए हैं और मदद सामग्री की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो पा रही है।
पिछले रविवार को युद्ध विराम के प्रभावी होने के बाद हमास आतंकवादियों ने तीन इजराइली बंधकों को रिहा किया था। इसके बदले में इजराइल ने 90 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा था। शनिवार को इजराइल की चार महिला सैनिकों की रिहाई के बदले फलस्तीन के जिन 200 कैदियों को छोड़ा गया, उनमें 2002 में यरूशलम के हिब्रू विश्वविद्यालय में एक कैफे में हुए बम हमले के दोषी मोहम्मद ओदेह (52) और वइल कासिम (54) शामिल हैं। दोनों को मिस्र भेज दिया गया।
हमास ने करीना एरिएव, डेनियेला गिल्बोआ, नामा लेवी और लिरी अल्बाग को सात अक्टूबर 2023 को इजराइल पर बड़े पैमाने पर किए गए हमलों के दौरान बंधक बना लिया था। हमास के हमलों के जवाब में इजराइल ने भी गाजा पट्टी पर बड़े पैमाने पर हमले किए थे, जिससे दोनों पक्षों में युद्ध छिड़ गया था।
हमास आतंकवादियों ने गाजा की सीमा के पास नाहल ओज बेस पर हमला कर 60 इजराइली सैनिकों की हत्या कर दी थी और पांच महिला सैनिकों को बंधक बना लिया। बंधक बनाई गई पांचों महिला सैनिक सीमा पर खतरों की निगरानी करने वाली निगरानी इकाई में कार्यरत थीं। हमास की ओर से शनिवार को रिहा की गई इजराइली महिला सैनिकों में अगम बर्गर (20) का नाम शामिल नहीं है।
इजराइली सेना ने शनिवार सुबह एक बयान जारी कर कहा कि बंधकों की वापसी के मद्देनजर सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और इजराइल में कदम रखते ही उन्हें चिकित्सा सहायता प्रदान की जाएगी, जिसके बाद उन्हें अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाएगा और उनके परिवारों से मिलाया जाएगा।
इजराइल में हमास के चंगुल से आजाद हुई महिला सैनिकों के स्वागत के लिए तेल अवीव के बंधक चौक पर एक विशाल स्क्रीन लगाई गई थी, जिस पर इन महिला सैनिकों के चेहरे दिखाए जा रहे थे। चौक पर जुटे लोगों ने इजराइली झंडा लपेट रखा था। उन्होंने हाथों में तख्तियां भी थाम रखी थीं, जिन पर रिहा की जाने वाली महिला सैनिकों की तस्वीर छपी हुई थी।
वहीं, गाजा पट्टी में हमास आतंकवादियों ने सुबह से फलस्तीन चौक की घेराबंदी शुरू कर दी थी, जहां इजराइली महिला सैनिकों को रेड क्रॉस के सुपुर्द किया जाना था। चौक पर जुटी भीड़ में शामिल रदवान अबु रविया ने बताया कि चेहरा ढके दर्जनों हथियारबंद आतंकी सुबह से ही शहर की सड़कों पर गश्त लगा रहे थे।
कैदियों और बंधकों की दूसरी अदला-बदली के बाद इजराइल के नेटजारिम गलियारे (गाजा को दो हिस्सों में बांटने वाली सड़क) से पीछे हटने की संभावना थी, जिससे दक्षिण में विस्थापित फिलिस्तीनी नागरिकों के युद्ध की शुरुआत के बाद पहली बार उत्तर में अपने घरों की ओर लौटने का रास्ता साफ हो जाता। हालांकि, हमास के यहूद को रिहा न करने के कारण फिलिस्तीनी विस्थापितों की वापसी फिलहाल लटक गई है।
गाजा पट्टी के आंतरिक मंत्रालय ने शुरुआत में कहा था, “विस्थापित फिलिस्तीनी रविवार से उत्तरी गाजा लौट सकेंगे। उन्हें तटीय रशीद मार्ग के माध्यम से दक्षिणी और उत्तरी गाजा के बीच पैदल आने-जाने की इजाजत होगी। इनपुट भाषा