चालाक शरीफ बोले, भारतीय सेना ने ली पाक जवान की जान...
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि भारत-पाकिस्तान में युद्ध पर अपने संसाधन का इस्तेमाल करने के बजाय देश में व्याप्त गरीबी और बेरोजगारी जैसी समस्या से निपटने के लिए करना चाहिए।
शरीफ ने पांच भारतीय सैनिकों की हत्या में पाकिस्तानी सेना की संलिप्तता के आरोपों को बड़ी चतुराई के साथ खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तानी सेना ने ऐसा नहीं किया है। भारत पर उल्टे आरोप लगाते हुए कहा कि जुलाई में भारतीय पक्ष से हुई गोलीबारी में पाकिस्तान का एक सैनिक शहीद हो गया था।
शरीफ ने भारत से अपने संबंध सुधारने की पुरजोर वकालत करते हुए याद दिलाया और कहा कि पाकिस्तान भारत से अपने संबंध बेहतर बनाने की दिशा मे संजीदगी से कदम उठा रहा है और भारत के साथ संबंध सुधारना मेरी पहली प्राथमिकता है जिसे मैं चुनाव जीतने के बाद से कह रहा हूं।
नवाज शरीफ ने जून मे प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद पहली बार राष्ट्र के नाम सोमवार अपने पहले टेलिविजन संबोधन में कहा युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं। भारत और पाकिस्तान की प्रगति को युद्ध दशकों पीछे ले जाएगा।
प्रधानमंत्री शरीफ का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब पाकिस्तानी सेना पिछले कई दिनो से नियंत्रण रेखा पर युद्ध विराम समझौते की धाज्जियां उड़ाते हुए भारी हथियारों से लगातार गोलीबारी कर रही है। पिछले दिनों पाकिस्तानी सेना के विशेष बल ने भारतीय सीमा का अतिक्रमण कर पांच भारतीय सैनिको की हत्या कर दी थी।
नियंत्रण रेखा पर दोनो देशो की तरपं से भारी सैन्य जमावड़े के बीच पाकिस्तान इन दिनो भारत में पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की जुगत में लगातार जुटा हुआ है।
शरीफ ने पांच भारतीय सैनिकों की हत्या में पाकिस्तानी सेना की संलिप्तता के आरोपों को बड़ी चतुराई के साथ खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तानी सेना ने ऐसा नहीं किया है। भारत पर उल्टे आरोप लगाते हुए कहा कि जुलाई में भारतीय पक्ष से हुई गोलीबारी में पाकिस्तान का एक सैनिक शहीद हो गया था।
शरीफ ने चरमपंथियो से बातचीत के मुद्दे पर कहा कि मैं उन सभी कदमो उठाऊंगा जिससे आतंक के राह पर चल रहे लोगो से बातचीत करने में मददगार हो। लेकिन उन्होंने इसकी समय सीमा नहीं बताया कि वे ऐसा कब करेंगे। भारत-पाकिस्तान संबंधो पर श्री शरीफ ने कहा कि हर एक पाकिस्तानी की तरह मैं भी आतंक के खिलाफ हूं आपसी समझदारी और बातचीत से आपसी मसले को सुलझाया जा सकता है।
विशेषज्ञ का मानना है कि भारतीय सीमा पर पाकिस्तान द्वारा जानबूझकर हालात बिगाड़े जा रहे है। ताकि 2014 में अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज की वापसी के बाद भारत में आतंकी घटना की वृद्धि हो। दूसरी ओर अफगानिस्तान से भारत के बेहतर रिश्ते पाकिस्तानी जनरलों और आईएसआई को फूटी आंख नहीं सुहा रहे हैं। पाकिस्तान अफगानिस्तान को अस्थिर करने के लिए तालिबान को लगातार समर्थन दे रही है। (वार्ता)