- डॉ. जगन्नाथ खाण्डेगर
भारत के भव्य भाल पर डॉ. अम्बेडकर एक सुरम्य तिलक हैं। वे समाज सुधारक, राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, वकील, लेखक, चिंतक, दार्शनिक, सांसद, मंत्री व संविधान निर्माता- ऐसे बहुआयामी व्यक्तित्व थे डॉ. भीमराव अम्बेडकर। बाबासाहेब ने बहुआयामी व्यक्तित्व के कारण न केवल भारत में बल्कि विश्व में भारत की यशश्री को आलोकित किया। अम्बेडकर एक अमर ज्योति है, जो अंधकारग्रस्त सामाजिक मानवता के लिए अविच्छिन्न आलोक स्रोत बन गई।
वे सामाजिक जीवन की लोग कल्पना करते हैं। कुछ चिंतन, कुछ मनन करते हैं। कुछ नए मूल्यों, नए आदर्शों एवं कई आस्थाओं का सृजन करते हैं। नई व्यवस्था देने वाले तथा मार्ग निर्देशन करने वाले ऐसे लोग तटस्थ रहते हैं। मार्क्स ने उपाय बताए, लेनिन ने उन्हें मूर्तरूप दिया, किंतु अम्बेडकर ऐसे महापुरुष हुए जिन्होंने उपाय ही नहीं बताए बल्कि निष्ठा से उन पर आचरण करने के लिए भी जुट गए थे।
उन्होंने जो चिंतन-मनन किया वही कहा और जो कहा वही किया। उनमें बात करने एवं आचरण करने का साहस था, सच्चाई थी। उनकी सत्यनिष्ठा एवं दृढ़ता ने उन्हें असाधारण बना दिया। डॉ. अम्बेडकर कोरे आदर्शवादी स्वप्नदृष्टा नहीं थे। उनका आदर्श आचरण ही समाज के लिए एक शिक्षा है।
आपने मानव जीवन को अविभाज्य मानकर उनकी समग्रता पर बल दिया तथा जीवन का कोई पक्ष अछूता नहीं छोड़ा। वे समाज के संपूर्ण पक्षों की ओर जागरूक थे। न्याय के प्रहरी डॉ. अम्बेडकर दलित मानव कल्याण के मूलभूत सिद्धांत को अपनाकर, उनमें जागृति पैदा कर समाज के प्रतिनिधि बन गए। सच तो यह है कि पद, सत्ता, यश आदि से उन्हें आसक्ति नहीं थी। वे समाज कल्याण हेतु कार्य करना अपना कर्तव्य समझते थे। मनुष्य में महान कार्यों के संपादन के लिए आत्मविजय तथा आत्मविश्वास परम आवश्यक है।
बाबासाहेब अम्बेडकर ने संकीर्ण सोच से ऊपर उठकर जीना सिखाया। जीवन तो सभी जीते हैं किंतु वास्तव में वह सर्वाधिक जीवंत है, जो सर्वाधिक चिंतन करता है, सर्वाधिक अनुभव करता है और सर्वोत्कृष्ट कार्य करता है। मानव जीवन का मूल्यांकन आयु की दीर्घता, स्वास्थ्य अथवा केवल धन-संचय अथवा सत्ता के आधार पर नहीं होता बल्कि उन गुणों अथवा कर्मों के आधार पर होता है जिनसे व्यक्ति ने सामाजिक उत्थान एवं प्रगति में योगदान किया है।
इतिहास मानव संघर्ष की कहानी है। बिना संघर्ष के क्या जीवन? जय-पराजय, मान-अपमान से ऊपर उठकर सत्य और न्याय के लिए संघर्ष करने वाला व्यक्ति ही जीवन में कुछ महान उपलब्धि प्राप्त कर सकता है। बाबासाहेब ने इस देश पर कई उपकार किए हैं। उक्त तथ्यों के आधार पर बाबासाहेब अम्बेडकर को बहुआयामी व्यक्तित्व का धनी कहने पर अतिशयोक्ति नहीं होगी।
डॉ. अम्बेडकर ने इस दिशा में एक ज्वलंत उदाहरण प्रस्तुत किया है जिससे समस्त भारतवासी उनके ऋणी हैं।