इंदौर में हुकुमचंद मिल के मजदूरों को मिलेगा उनका हक : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
Case of Hukumchand Mill workers : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इंदौर में 25 दिसंबर यानी सोमवार को हुकुमचंद मिल के मजदूरों को उनका हक मिलेगा। 30 सालों से लंबित इस प्रकरण में श्रमिकों को राहत मिलेगी और उनके परिवारों के लगभग 25 हजार सदस्य लाभान्वित होंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मजदूरों से वर्चुअली संवाद करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी डिजिटल माध्यम से एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे और इंदौर में हुकुमचंद मिल के श्रमिकों का 224 करोड़ रुपए का बकाया वितरित करेंगे। प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कनकेश्वरी मैदान में आयोजित होने वाले मजदूरों का हित, मजदूरों को समर्पित कार्यक्रम में भाग लेंगे और 224 करोड़ रुपए का चेक सौंपेंगे।
मध्य प्रदेश सरकार की पहल पर राज्य हाउसिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड और श्रमिक संघ ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए और निपटान राशि 20 दिसंबर को उच्च न्यायालय में जमा की गई। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस 'सुशासन दिवस' पर यह कार्यक्रम हो रहा है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उपस्थित रहेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देश दिए कि जिन अन्य मिलों की देनदारियां रही हैं, उन मिलों के प्रकरणों का निराकरण भी हुकुमचंद मिल के मॉडल के आधार पर कर मजदूरों को राहत दी जाए।
उल्लेखनीय है कि हुकुमचंद मिल 70 वर्ष सफलता पूवर्क चलने के बाद 1992 में बंद हो गई थी। मिल मजदूर और बैंकों की देनदारियां 30 वर्षों तक न्यायालय एवं अन्य प्रक्रिया में लंबित रही। राज्य शासन ने पहली बार 2022 में पहल की और गृह निर्माण मंडल को समझौता कर राशि भुगतान का उत्तरदायित्व दिया गया।
एक वर्ष के अंदर सभी दावेदारों के साथ समझौता सुनिश्चित कराया गया और श्रमिक यूनियन के साथ भी सहमति सहित समझौता हुआ। माननीय उच्च न्यायालय ने समझौता प्रस्ताव को सहमति दी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 19 दिसंबर 2023 को स्वीकृति प्रदान की तथा 20 दिसंबर को उच्च न्यायालय में राशि जमा कर दी गई।
Edited By : Chetan Gour