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Last Modified: शनिवार, 30 अक्टूबर 2021 (14:45 IST)

ऑनलाइन इंटरेक्शन करते समय स्ट्रीट स्मार्ट बनें-प्रो. रावल

ऑनलाइन इंटरेक्शन करते समय स्ट्रीट स्मार्ट बनें-प्रो. रावल - Be street smart while interacting online
इंदौर। श्री क्लॉथ मार्केट इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, इंदौर में हाल ही में साइबर सुरक्षा जागरूकता पर Truth फॉर Youth शीर्षक पर एक सेमिनार (ऑफलाइन) का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्तर के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ प्रोफेसर गौरव रावल द्वारा एक सत्र संबोधित किया गया।
 
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. वासुदेव मिश्रा ने छात्रों से अनुरोध किया कि वे इस सत्र में साइबर विशेषज्ञ गौरव रावल द्वारा मार्गदर्शन के रूप में साइबर से संबंधित जागरूकता और कानून का पालन करें और अपने परिवार के सदस्यों को भी इसके बारे में जागरूक करें। प्रो. रावल ने संस्थान की छात्राओं और संकाय सदस्यों को नए जमाने के साइबर खतरों और वर्तमान महामारी की स्थिति के संदर्भ में साइबर सुरक्षा उपायों के बारे में बताया।

उन्होंने अपने सत्र की शुरुआत साइबर-अपराध और इसके प्रकारों की शुरूआत के साथ की। प्रो. रावल ने अवगत कराया कि हमें अपने मोबाइल उपकरणों में ऑटोमैटिक डाउनलोड विकल्प को बंद कर देना चाहिए जो कि नया सेल फोन खरीदते समय डिफ़ॉल्ट रूप से चालू रहता है। सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाने की न्यूनतम उम्र तथा सोशल मीडिया अकाउंट्स पर व्यक्तिगत जानकारी को अपडेट या पोस्ट करते समय जागरूक रहने के लिए सभी से आग्रह किया।
 
प्रो. गौरव ने किसी भी प्रकार के सोशल प्लेटफॉर्म पर फोन नंबर, स्थानीय पता, वर्तमान स्थान और मूल जन्मतिथि जैसे व्यक्तिगत विवरण साझा नहीं करने बल दिया, क्योंकि हैकर्स इन सभी व्यक्तिगत विवरणों का दुरुपयोग अपने गलत इरादों के लिए कर सकते हैं।
रावल ने बताया की अपनी साधी लॉगिन आइडी को सुरशित रखने के लिए two-factor-authentication ऑप्शन को ऑन करके रहिए साथ ही उन्होने अपने सभी पासवर्ड को स्ट्रांग व सुरक्षित बनाने के तरीके भी बताए।
 प्रो. रावल ने बताया कि डिजिटल रेकॉर्ड पूरी तरह से हटाए या नष्ट नहीं जा सकते, इसलिए किसी भी सामग्री को इंटरनेट पर अपलोड करने से पहले हमेशा सतर्क रहना चाहिए और इस आभासी दुनिया में कुछ भी टाइप करने से पहले दो बार सोचना चाहिए, नहीं आप कानून एजेंसी द्वारा पकड़े जाएंगे।
 
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ गौरव रावल ने साइबर अपराध के लिए सुरक्षा उपायों और सुधारों के संबंध में भारतीय सूचना प्रोद्योगिकी अधिनियम 2000/2008 के तहत कुछ मुख्य प्रावधानों के बारे में बताया। उन्होंने छात्रों और संकाय सदस्यों को साइबर अपराध के विभिन्न पहलुओं और इसकी रिपोर्टिंग प्रक्रियाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी भी दी। 
 
इस सेमिनार में महाविद्यालय के संकाय फेकल्टी सदस्यों और स्टाफ सदस्यों ने उत्साहपूर्वक इसमें भाग लिया। वेबिनार की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. वासुदेव मिश्र ने की, जिसका आयोजन डॉ. नीति चतुर्वेदी ने किया।