महर्षि अरविन्द घोष : महान योगी एवं दार्शनिक...
क्रांतिकारी आंदोलन छोड़कर अध्यात्म में रम गए थे महर्षि अरविन्द जन्म : 15 अगस्त 1872 मृत्यु : 5 दिसंबर 1950 क्रांतिकारी महर्षि अरविन्द का जन्म 15 अगस्त 1872 को कोलकाता (बंगाल की धरती) में हुआ। उनके पिता के.डी. घोष एक डॉक्टर तथा अंग्रेजों के प्रशंसक थे। पिता अंग्रेजों के प्रशंसक लेकिन उनके चारों बेटे अंग्रेजों के लिए सिरदर्द बन गए।बंगाल के महान क्रांतिकारियों में से एक महर्षि अरविन्द देश की आध्यात्मिक क्रांति की पहली चिंगारी थे। उन्हीं के आह्वान पर हजारों बंगाली युवकों ने देश की स्वतंत्रता के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदों को चूम लिया था। सशस्त्र क्रांति के पीछे उनकी ही प्रेरणा थी।