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Written By WD Feature Desk
Last Modified: बुधवार, 21 मई 2025 (17:46 IST)

शनि देव को अतिप्रिय हैं ये चार फूल: शनि जयंती पर चढ़ाने से दूर होंगे शारीरिक तथा मानसिक कष्ट

shani jayanti 2025
shani jayanti ke upay in hindi: ज्योतिष में शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। उनकी कृपा से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है, वहीं उनकी नाराजगी से अनेक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। खासकर शनि जयंती का दिन शनि देव को प्रसन्न करने और उनकी साढ़े साती या ढैया के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस विशेष दिन पर कुछ खास फूल शनि देव को अर्पित करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों के संकटों को दूर करते हैं। आइए जानते हैं ऐसे कौन से चार फूल हैं जो शनि देव को अतिप्रिय हैं और जिन्हें शनि जयंती पर चढ़ाने से आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं:

1. शमी का फूल: शुभता और विजय का प्रतीक
शमी का पौधा और उसके फूल दोनों ही शनि देव को अत्यंत प्रिय हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शमी के पौधे में स्वयं शनि देव का वास होता है। इसे घर में लगाना भी शुभ माना जाता है। शनि जयंती के दिन शनि मंदिर में या शनि देव की प्रतिमा पर शमी के फूल अर्पित करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं, कोर्ट-कचहरी के मामलों में विजय मिलती है और शत्रुओं पर भारी पड़ने में मदद मिलती है। शमी के फूल अर्पित करने से रुके हुए कार्य भी पूरे होने लगते हैं।

2. गुडहल का फूल: ऊर्जा और साहस का संचार
लाल रंग का खूबसूरत गुडहल का फूल देखने में जितना आकर्षक होता है, उतना ही यह धार्मिक महत्व भी रखता है। यह फूल शनि देव को भी प्रिय है। गुडहल का फूल ऊर्जा, साहस और उत्साह का प्रतीक माना जाता है। शनि जयंती पर शनि देव को गुडहल के फूल चढ़ाने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह भय को दूर करता है और जीवन की चुनौतियों का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है। जिन लोगों के जीवन में लगातार रुकावटें आ रही हों, उन्हें गुडहल का फूल अर्पित करना विशेष फलदायी माना जाता है।

3. अपराजिता का फूल: अजेयता और नकारात्मकता का नाश
नीले और सफेद रंग का अपराजिता का फूल अपने नाम के अनुरूप ही "अजेय" होने का संदेश देता है। यह फूल भगवान विष्णु को जितना प्रिय है, उतना ही यह शनि देव को भी अर्पित किया जाता है। शनि देव को नीले रंग का फूल बहुत पसंद है और अपराजिता का नीला फूल उन्हें विशेष रूप से प्रसन्न करता है। शनि जयंती के दिन अपराजिता के फूल शनि देव को चढ़ाने से जीवन से नकारात्मकता दूर होती है। यह शत्रुओं पर विजय दिलाता है और व्यक्ति को हर क्षेत्र में अजेय बनाता है। कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता और कानूनी अड़चनों से मुक्ति के लिए यह फूल बेहद लाभकारी माना जाता है।

4. आक का फूल (मदार): रोग मुक्ति और कष्ट निवारण
सफेद या हल्के बैंगनी रंग का आक का फूल, जिसे मदार का फूल भी कहा जाता है, शनि देव को प्रिय फूलों में से एक है। यह फूल आसानी से उपलब्ध हो जाता है और इसे शिव जी को भी चढ़ाया जाता है। शनि जयंती के दिन शनि देव को आक के फूल अर्पित करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। यह रोगों को दूर करता है और व्यक्ति को शारीरिक तथा मानसिक कष्टों से राहत दिलाता है। विशेष रूप से, जिन लोगों को शनि की दशा के कारण स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां झेलनी पड़ रही हों, उन्हें आक के फूल चढ़ाने से लाभ मिल सकता है।


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