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Written By भाषा

लेनिन का मकबरा मरम्मत के बाद पुन: खोला गया

व्लादिमीर लेनिन
FILE

रूस के क्रांतिकारी नेता व्लादिमीर लेनिन के मकबरे को मरम्मत के बाद फिर से दर्शकों के लिए खोल दिया गया है।

मीडिया की खबरों के अनुसार, इस मकबरे की नींव को पानी भर जाने के कारण नुकसान पहुंचा था और यह झुकने भी लगी थी जिसकी वजह से इसकी मरम्मत करनी पड़ी।

यह परियोजना इस बात को भी रेखांकित करती है कि साम्यवादी नेता के अवशेषों को दफनाने के आह्वान पर प्रतिक्रिया के लिए प्रशासन कोई जल्दबाजी नहीं कर रहा है। वर्ष 1991 में सोवियत संघ के पतन के साथ ही यह बहस भी शुरू हो गई कि लेनिन के अवशेषों को दफनाया जाना चाहिए या नहीं।

रेड स्क्वॉयर में क्रेमलिन की दीवारों के बाहर बने लेनिन के मकबरे को 15 मई 2013 से पुन: खोला गया। इमारत की देखभाल करने वाली, क्रेमलिन की सीक्रेट सर्विस एफएसओ के अनुसार, 80 साल में इस मकबरे में कोई बड़ा काम नहीं हुआ।

एफएसओ ने बताया कि ढांचे को स्थिर करने के लिए उसमें सीमेंट भरा गया और मरम्मत के दौरान लेनिन के अवशेषों को वहां से हटाया नहीं गया।

वर्ष 1924 में 53 साल की उम्र में लेनिन का निधन हो गया था जिसके बाद उनका यह मकबरा बनाया गया था। हालांकि बड़ी संख्या में लोग इस मकबरे को देखने आते हैं लेकिन कई रूसी लेनिन के अवशेषों को दफनाने की मांग भी कर रहे हैं।

रूस की कम्युनिस्ट पार्टी ने इस विचार का कड़ा विरोध किया है। इस मुद्दे पर पिछले साल ताजा बहस उस समय शुरू हो गई थी जब सत्तारूढ़ पार्टी यूनाइटेड रशिया ने लेनिन के अवशेषों को दफनाने के लिए एक अभियान शुरू किया। लेकिन बहस पर जल्द ही विराम भी लग गया।

लेवादा की रायशुमारी के अनुसार, 56 फीसदी रूसी लेनिन के अवशेषों को दफनाने के पक्ष में हैं और 31 फीसदी इसके विरोध में हैं।

दिसंबर में जब मरम्मत का काम शुरू हुआ था तब राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि लेनिन के अवशेष रूसी परंपरा को दर्शाते हैं। (भाषा)