गुरुवार, 6 फ़रवरी 2025
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Written By WD

स्‍वामी विवेकानंद के विचार: हम गुलाम क्‍यों हैं...

स्‍वामी विवेकानंद के विचार: हम गुलाम क्‍यों हैं... - swami vivekanand
इस बात को हमेशा ध्‍यान रखो कि राष्‍ट्र झोपडियों में बसता है। किसान, जूते बनाने वाले, मेहतर, और भारत के ऐसे ही निचले वर्गों में तुमसे कहीं ज्‍यादा काम करने और स्‍वावलंबन की क्षमता है। वे लोग युग-युग से चुपचाप काम करते रहे हैं। वे ही हैं, जो इस देश की समस्‍त संपदा के उत्‍पादक हैं। 

फिर भी उन्‍होंने कभी शिकायत नहीं की। ऐसा दिन शीघ्र ही आने वाला है, जब उनका दर्जा तुमसे ऊपर होगा। धीरे-धीरे पूंजी उनके हाथों में आ रही है। आधुनिक शिक्षा ने तुम लोगों का फैशन ही बदल दिया है। कितनी ही संपदा अनखोजी पड़ी हुई है, क्‍योंकि तुममें उसके अन्‍वेषण की क्षमता नहीं है। 
 
तुम लोगों ने अब तक इस जनता को दबाया है, अब उनकी बारी है और तुम लोग रोजगार की तलाश में भटकते-भटकते नष्‍ट हो जाओगे, क्‍योंकि यही तुम्‍हारे जीवन का सर्वस्‍व बन गया है।
 
जब भी मैं गरीबों के बारे में सोचता हूं तो मेरा हृदय पीड़ा से कराह उठता है। बचने या ऊपर उठने का उनके पास कोई अवसर नहीं है। वे लोग हर दिन नीचे, और-और नीचे धंसते जाते हैं। वे निर्दयी समाज के वारों को निरंतर झेलते जाते हैं। वे यह भी नहीं जानते कि उन पर कौन वार कर रहा है, कहां से वार हो रहे हैं। वे यह भी भूल चुके हैं कि वे स्‍वयं भी मनुष्‍य हैं। इन सबका परिणाम है - गुलामी।