चैंपियन्स ट्रॉफी के फाइनल के बाद रविवार को रोहित शर्मा की लंबी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दो बार ऐसा हुआ जब उनके संन्यास का मुद्दा उठा।दुबई में चैंपियन्स ट्रॉफी में विजयी अभियान के बाद जब पहली बार इस विषय पर उनसे बात की गई तो भारतीय कप्तान रोहित ने खुलकर जवाब दिया, भविष्य की कोई योजना नहीं है, जैसे चल रहा है, चलता रहेगा।
उन्होंने अगली बार स्वैच्छिक रूप से इसका जिक्र किया। भारतीय कप्तान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के खत्म होने से ठीक पहले कहा, एक और बात। मैं इस प्रारूप से संन्यास नहीं लेने जा रहा, बस यह सुनिश्चित करने के लिए बोला कि आगे कोई अफवाह नहीं फैले।
रोहित का बयान बहुत ही महत्वपूर्ण था क्योंकि जोर इस प्रारूप पर था जो कि 50 ओवर का क्रिकेट है।रोहित ने पिछले साल वेस्टइंडीज और अमेरिका में टी20 विश्व कप जीतने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस प्रारूप को अलविदा कह दिया था और टेस्ट क्रिकेट में उनके भविष्य को लेकर सवाल बने हुए हैं क्योंकि भारतीय टीम इस साल गर्मियों में इंग्लैंड का दौरा करेगी।
भारतीय कप्तान ने महत्वाकांक्षाओं को जोरदार और स्पष्ट रूप से व्यक्त किया और 2027 विश्व कप को लेकर उनके कुछ अधूरे सपने हैं जिसकी मेजबानी दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे और नामीबिया करेंगे।इस प्रारूप पर जोर देकर रोहित ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। जब तक वह रन बना रहे हैं, उम्र कोई बाधा नहीं बनेगी। हालांकि अगले एकदिवसीय विश्व कप तक वह 40 के करीब होंगे।
वनडे अब भी उनका पसंदीदा प्रारूप है लेकिन रोहित ने कभी ऐसा नहीं कहा कि वह टेस्ट मैच नहीं खेलना चाहते। असल में ऑस्ट्रेलिया दौरे और उससे पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला को छोड़कर वह टीम के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाज रहे हैं।
जसप्रीत बुमराह ने टेस्ट कप्तान के रूप में अपनी काबिलियत दिखाई है लेकिन रोहित अब भी भारतीय ड्रेसिंग रूम में सबसे सम्मानित नेतृत्वकर्ता हैं।
बुमराह की फिटनेस संबंधी चिंताओं और चयनकर्ताओं के शुभमन गिल को कुछ और समय के लिए उप कप्तान की भूमिका में रखने की प्राथमिकता के कारण रोहित टीम की अगुआई जारी रखने के लिए आदर्श उम्मीदवार बने हुए हैं क्योंकि टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है।
रोहित के लंबे समय से साथी विराट कोहली ने चैंपियन्स ट्रॉफी के फाइनल के बाद कहा कि टीम के मुख्य खिलाड़ी अगले आठ साल तक खेलने के लिए तैयार हैं लेकिन यह उनका कर्तव्य है कि जब भी वह अलविदा कहें तो भारतीय क्रिकेट को अच्छे हाथों में सौंपें।
सवाल यह है कि क्या रोहित 20 जून से हेडिंग्ले में इंग्लैंड के खिलाफ शुरू होने वाले नए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) चक्र में पारंपरिक पांच दिवसीय प्रारूप खेलना जारी रखना चाहते हैं।
अगर रोहित केवल एकदिवसीय प्रारूप खेलना चाहते हैं तो वह अगले विश्व कप तक 50 ओवर के अधिकतम 27 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों मे भाग ले सकते हैं। उनके पास हालांकि आईपीएल के अलावा कभी-कभार विजय हजारे ट्रॉफी मैच भी खेलने का विकल्प होगा।
अगर रोहित इंग्लैंड में टेस्ट नहीं खेलते हैं तो वह अगले दो वर्ष में तीन-तीन एकदिवसीय मुकाबलों की केवल नौ अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला खेलेंगे। ये श्रृंखलाएं बांग्लादेश (विदेश में अगस्त 2025), ऑस्ट्रेलिया (विदेश में अक्टूबर 2025), दक्षिण अफ्रीका (स्वदेश में दिसंबर 2025), न्यूजीलैंड (स्वदेश में जनवरी 2026), इंग्लैंड (विदेश में), अफगानिस्तान (स्वदेश में जून 2026) वेस्टइंडीज (स्वदेश में सितंबर-अक्टूबर 2026), न्यूजीलैंड (विदेश में अक्टूबर 2026) और श्रीलंका (स्वदेश में दिसंबर 2026) के खिलाफ होंगी।
आने वाले समय में फिटनेस को भी ध्यान में रखा जाएगा।हालांकि संन्यास लेना पूरी तरह से क्रिकेटर का व्यक्तिगत फैसला है लेकिन अगर राष्ट्रीय चयनकर्ता या भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को लगता है कि उन्हें बड़ी तस्वीर देखने की जरूरत है और एकदिवसीय टीम में रोहित और विराट में से किसी एक को ही रखा जा सकता है।
यशस्वी जायसवाल भी इस सूची में शामिल हैं जिन्होंने 33 लिस्ट ए मैच में 52.82 की शानदार औसत और 85.97 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। उन्होंने एक दोहरे शतक सहित पांच शतक लगाए हैं।
अगर चयनकर्ता 2027 विश्व कप के लिए जायसवाल को चुनते हैं तो उन्हें इन 27 मैचों में खेलना होगा। यह एक आम बात है कि चाहे कोई भी प्रारूप (टी20 या एकदिवसीय) हो, अगर कोई वैश्विक टूर्नामेंट खेलने का दावेदार है तो उसे प्रतियोगिता से पहले कम से कम 25 मैच खेलने चाहिए।
मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर और मुख्य कोच गौतम गंभीर की भूमिका भी यहां महत्वपूर्ण होगी। अगर उन्हें लगता है कि उन्हें अधिक अनुभवी खिलाड़ियों के साथ जाना चाहिए तो जायसवाल के टीम में फिट होने की संभावना नहीं है।
एक पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता ने हालांकि नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, जब विराट कोहली या रोहित शर्मा जैसे बड़े खिलाड़ियों को चुनने की बात आती है तो राष्ट्रीय चयन समिति कभी भी अपने आप निर्णय नहीं लेती है। यह बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारी और निश्चित रूप से कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसका निर्णय बोर्ड में अंतिम होगा।
(भाषा)