गुरुवार, 17 जुलाई 2025
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Written By WD

गर्भ रक्षक उपाय

गर्भ सुरक्षित प्रथम मास
गर्भवती महिला को अपने गर्भ की रक्षा स्वयं करनी चाहिए, न कि खतरा महसूस होने पर।

यदि आपका गर्भ सुरक्षित है, तब भी आप यहाँ दिए गए प्रयोग कर लाभ उठा सकती हैं। प्रथम मास में गर्भिणी स्त्री को मिश्री मिला दूध दोनों समय अवश्य पीना चाहिए।

* दूसरे मास में शतावरी का चूर्ण 10 ग्राम मात्रा में फांककर ऊपर से कुनकुना गर्म मीठा दूध पीना चाहिए।

* तीसरे मास में ठंडे दूध में 1 चम्मच घी तथा तीन चम्मच शहद डालकर पीना चाहिए। यह उपाय आठवें माह तक करें। घी व शहद समान मात्रा में नहीं लेना चाहिए,क्योंकि यह जहरीला हो सकता है।

* पूरे चौथे मास में दूध में मक्खन मिलाकर सेवन करें।

* पाँचवें मास में फिर दूध में घी लें।

* छठे तथा सातवें मास में फिर शतावरी चूर्ण डालकर दूध का सेवन करें।

* आठवें मास में दलिया बनाकर, दूध डालकर सेवन करना चाहिए।

* नौवें मास में शतावरी साधित तेल 50 ग्राम लेकर रात को एनिमा हर तीसरे दिन लेना चाहिए। इसी तेल में रूई का फाहा बनाकर योनि के अन्दर रोजाना रखें।

* तीसरे मास से लेकर आठवें मास तक दोनों समय एक बड़ा चम्मच सोमघृत दूध में मिलाकर सेवन करना चाहिए।

गर्भपात : गर्भवती के सातवें और आठवें माह में गर्भपात की आशंका हो या लक्षण दिखाई पड़ें तो लोध्र और पीपल का महीन पिसा चूर्ण 1-1 ग्राम मिलाकर शहद के साथ चाटने पर लाभ होता है।