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  4. Why is Rang Panchami celebrated after Holika Dahan and Dhulendi
Written By WD Feature Desk
Last Updated : मंगलवार, 18 मार्च 2025 (14:28 IST)

होलिका दहन और धुलेंडी के बाद क्यों मनाई जाती है रंग पंचमी?

Holika Dahan 2025
Holi rang panchami: होली का पर्व जहां फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, वहीं रंग पंचमी, होली के पांच दिन बाद यानी चैत्र कृष्ण पंचमी को मनाई जाती है। यह त्योहार विशेष रूप से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, और गुजरात में धूमधाम से मनाया जाता है। रंग पंचमी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस बार होली पर्व 14 मार्च तथा रंग पंचमी 19 मार्च को मनाई जाती है।ALSO READ: Holika Dahan 2025: होली पर चंद्र ग्रहण और भद्रा का साया, जानिए कब होगा होलिका दहन 2025 में?
 
होलिका दहन और धुलेंडी के बाद रंग पंचमी का महत्व: होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जबकि धुलेंडी रंगों का त्योहार है जो वसंत ऋतु के आगमन का जश्न मनाता है। रंग पंचमी इन दोनों त्योहारों के बाद मनाई जाती है और यह त्योहार हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने जीवन में सकारात्मकता और आध्यात्मिकता को बनाए रखना चाहिए।

मान्यतानुसार सालों पहले होली से पांच दिनों तक रंगो का त्योहार मनाया जाता है। रंगों के इस पांच दिनों के महोत्सव का आखिरी दिन रंग पंचमी होता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार यह अनिष्टकारी शक्तियों पर विजय पाने का पर्व है। इस दिन देवी-देवताओं की विशेष पूजा की जाती है।
 
जानें रंग पंचमी का धार्मिक महत्व: 
• देवताओं को समर्पित: 
- रंग पंचमी को देवताओं को समर्पित माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन देवता रंग खेलते हैं।
- यह भी माना जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने राधा और गोपियों के साथ होली खेली थी।
 
• आध्यात्मिक महत्व: 
- रंग पंचमी को सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिकता का प्रतीक माना जाता है।
- यह त्योहार हमें प्रकृति के साथ जुड़ने और जीवन में खुशियां लाने का संदेश देता है।
 
रंग पंचमी का सांस्कृतिक महत्व:
• रंगों का समापन: 
- रंग पंचमी को होली के रंगों के समापन के रूप में मनाया जाता है।
- इस दिन लोग सूखे गुलाल और रंगों से होली खेलते हैं।
 
• सामाजिक एकता: 
- रंग पंचमी लोगों को एक साथ लाने और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने का त्योहार है। इस दिन लोग अपना धर्म और जाति भूलकर अपने दोस्तो, परिवारजनों, पड़ोरी तथा अन्य मिलने-जुलने वाले लोगों के साथ रंगों की होली खेलकर तथा तरह-तरह के व्यंजनों से मुंह मीठा करके हर्षोल्लासपूर्वक इस त्योहार को मनाते हैं। ALSO READ: Holi 2025: होली का डांडा गाड़ने, सजाने और जलाने की सही विधि जानिए
 
• पारंपरिक व्यंजन: 
- रंग पंचमी पर विशेष प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं, जैसे कि पूरनपोली और श्रीखंड, गुलगुले, नमकीन पकौड़े, ठंडाई आदि तथा कई स्थानों पर इस त्योहार पर गुजिया, नमकपारे, मीठे शकरपारे, रबड़ी, मठरी, मालपुआ, दही भल्ले आदि खाने की कई चीजें बनाकर होली और रंग पंचमी का त्योहार सेलिब्रेट करते हैं।ALSO READ: होली के बाद रंगपंचमी कब है, क्या करते हैं इस दिन?
 
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