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Written By WD Feature Desk
Last Modified: शुक्रवार, 23 मई 2025 (15:25 IST)

क्या होता है तख्तापलट?, कब और किन देशों में हुआ है सत्ता का यह उलटफेर?

तख्तापलट का अर्थ
what is takhta palat : किसी भी देश की सत्ता का अचानक, गैर-कानूनी और अक्सर हिंसक तरीके से बदल जाना, यही "तख्तापलट" कहलाता है। यह शब्द सुनते ही मन में अक्सर सेना की वर्दी में कुछ कमांडरों की तस्वीर आती है जो चुनी हुई सरकार को हटाकर खुद गद्दी पर बैठ जाते हैं। लेकिन, क्या तख्तापलट का अर्थ केवल सैन्य हस्तक्षेप तक ही सीमित है? आइए समझते हैं सत्ता के इस आकस्मिक उलटफेर को और जानते हैं इसके पीछे के कारण, इतिहास और हालिया उदाहरण।

क्या है 'तख्तापलट' का अर्थ?
"तख्तापलट" एक फ्रेंच शब्द कू-ड'एटा (Coup d'état) से लिया गया है जिसका अर्थ है 'राज्य पर हमला' या 'सत्ता पर कब्जा'। यह एक छोटे, संगठित समूह द्वारा, आमतौर पर सेना या कुछ अभिजात्य वर्ग के लोगों द्वारा, मौजूदा सरकार को बलपूर्वक हटाकर सत्ता हथियाने की प्रक्रिया है। इसमें लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं या संवैधानिक तरीकों का पालन नहीं किया जाता। यह अचानक और अप्रत्याशित होता है, जिसका उद्देश्य अक्सर शासन के नेतृत्व को तुरंत बदलना होता है।

कब होता है तख्तापलट?
तख्तापलट के पीछे कई कारण हो सकते हैं, और यह अक्सर राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक संकट या शासन में व्यापक असंतोष की स्थिति में होता है:
1. सैन्य महत्वाकांक्षा: कई बार सेना खुद को देश के 'रक्षक' के रूप में देखती है और अगर उसे लगता है कि नागरिक सरकार ठीक से काम नहीं कर रही या देश को खतरे में डाल रही है, तो वह सत्ता पर कब्जा कर सकती है।
2. राजनीतिक अस्थिरता और भ्रष्टाचार: जब किसी देश में राजनीतिक नेतृत्व कमजोर होता है, भ्रष्टाचार चरम पर होता है, और जनता का विश्वास उठ जाता है, तो तख्तापलट की संभावना बढ़ जाती है।
3. आर्थिक संकट: उच्च बेरोजगारी, महंगाई और गरीबी जैसी गंभीर आर्थिक समस्याएं जनता में आक्रोश पैदा कर सकती हैं, जिसका लाभ उठाकर कोई समूह सत्ता पलट सकता है।
4. विदेशी हस्तक्षेप: कुछ तख्तापलटों को विदेशी शक्तियों द्वारा अपने भू-राजनीतिक हितों को साधने के लिए समर्थन या यहां तक कि आयोजन भी दिया जाता है।
5. जनता का असंतोष: हालांकि यह सीधे तौर पर तख्तापलट नहीं होता, लेकिन जनता का भारी विरोध प्रदर्शन और विद्रोह भी सरकार को मजबूर कर सकता है और इससे पैदा हुए शून्य का फायदा उठाकर कोई नई शक्ति सत्ता में आ सकती है।

किन देशों में हुआ है तख्तापलट?
दुनिया भर में कई देशों ने तख्तापलट का अनुभव किया है। आजादी के बाद से अफ्रीकी महाद्वीप में सबसे ज्यादा तख्तापलट देखे गए हैं, जहां सूडान, बुर्किना फासो और नाइजीरिया जैसे देशों में कई बार सत्ता का उलटफेर हुआ है। लैटिन अमेरिका और एशिया के कई देशों में भी तख्तापलट का लंबा इतिहास रहा है। यह अक्सर उन देशों में देखा जाता है जहां लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर होती हैं और सेना की राजनीतिक भूमिका अधिक होती है।

भारत के इन पड़ोसी देशों में भी हुए हैं तख्तापलट
भारत एक स्थिर लोकतंत्र है, लेकिन उसके कई पड़ोसी देशों में तख्तापलट की घटनाएं आम रही हैं, जो क्षेत्रीय स्थिरता के लिए चिंता का विषय रही हैं:
पाकिस्तान: भारत का कट्टर दुश्मन देश पाकिस्तान, तख्तापलट का सबसे बड़ा उदाहरण रहा है। यहां अब तक चार बार तख्तापलट हो चुका है। आखिरी बड़ा सैन्य तख्तापलट 1999 में सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ ने किया था, जब उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार गिरा दी थी। पाकिस्तान में सेना की राजनीति में दखलअंदाजी का इतिहास काफी पुराना है।
श्रीलंका: 2022 में श्रीलंका में एक अलग तरह का 'उलटफेर' देखा गया, जिसे पारंपरिक सैन्य तख्तापलट तो नहीं कह सकते, लेकिन यह जनता के आक्रोश का परिणाम था। देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था। जनता सड़कों पर उतर आई और देश भर में इतने जोरदार प्रदर्शन हुए कि तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ा। यह जनता द्वारा सरकार को उखाड़ फेंकने का एक बड़ा उदाहरण था।
अफगानिस्तान: तालिबान ने 2021 में अफगानिस्तान की अशरफ गनी सरकार का तख्तापलट किया था। अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान ने तेजी से देश पर कब्जा कर लिया, जिससे गनी सरकार को सत्ता छोड़नी पड़ी और तब से यहां तालिबानी शासन है।
बांग्लादेश: हाल ही में बांग्लादेश में भी राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिली है। अगस्त 2024 में विशाल विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना को जान बचाने के लिए देश छोड़कर जाना पड़ा। हालांकि यह सीधे तौर पर सेना द्वारा किया गया तख्तापलट नहीं था, लेकिन छात्र आंदोलन और व्यापक नागरिक अशांति ने सरकार को गिरने पर मजबूर कर दिया, जिससे एक अंतरिम सरकार की स्थापना हुई। यह भी सत्ता के अचानक और गैर-संवैधानिक बदलाव का एक उदाहरण था, जिसमें जनता के आक्रोश ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

तख्तापलट किसी भी देश के लोकतंत्र और स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा होता है। यह न केवल राजनीतिक अस्थिरता पैदा करता है, बल्कि आर्थिक विकास को भी बाधित करता है और अक्सर मानवाधिकारों के हनन का कारण बनता है। इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि एक मजबूत लोकतंत्र, पारदर्शी शासन और जनता के विश्वास को बनाए रखना किसी भी देश की स्थिरता और प्रगति के लिए कितना महत्वपूर्ण है।

 
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