0
दुर्गा अष्टमी के 8 उपाय, हर संकट से बचाए
बुधवार,मार्च 29, 2023
0
1
भगवान श्रीराम के जन्म को लेकर इतिहाकारों और पुराणों के जानकारों के बीच मतभेद है। इस बीच उन पर हुए शोध कुछ और ही कहते हैं। शोधकर्ताओं ने पुराणों के साक्ष्य को समझकर राम के जन्म के संबंध में बहुत ही रोचक विवरण प्रस्तुत किया है। श्रीराम का जन्म चैत्र ...
1
2
Chaitra Vinayak Chaturthi 2023: प्रत्येक माह में दो चतुर्थी होती है। इस तरह 24 चतुर्थी और प्रत्येक तीन वर्ष बाद अधिमास की मिलाकर 26 चतुर्थी होती है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। चैत्र ...
2
3
चेटी चंड सिंधी समुदाय का सबसे बड़ा पर्व है। इसी दिन भगवान झूलेलाल का अवतरण हुआ था। झूलेलाल की जयंती चैत्र शुक्ल माह की द्वितीया को आती है। कुछ लोग झूलेलाल चालीहा उत्सव भी मनाते हैं यानी 40 दिन तक व्रत-उपवास रखकर आराधना करते हैं। सिंध प्रांत के ...
3
4
चैत्र नवरात्र में भी भक्त मां की आराधना के लिए पूरे 9 दिन अखंड ज्योत लगाकर भक्ति करते हैं। जानिए अखंड ज्योत का महत्व। Chaitra Navratri 2023 : चैत्र नवरात्र में अखंड ज्योत जलाने से क्या होगा?
मां के सामने अखंड ज्योति जलाने से उस घर में हमेशा से मां ...
4
5
रुद्राक्ष का अर्थ है रुद्र का अक्ष। यानी भगवान रुद्र की आंखें। माना जाता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के अश्रुओं से हुई है। उन्होंने कठोर तप के बाद जब आंखें खोली तो उनके आंखों से जो आंसू भूमि पर गिरे उसे से रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई। ...
5
6
Gudi Padwa 2023: गुड़ी पड़वा से हिन्दू नववर्ष की शुरुआत होती है। इसे विक्रम संवत या नव संवत्सर भी कहते हैं। इस बार विक्रम संवत का 2080 वर्ष प्रारंभ होगा। महाराष्ट्र में इसे गुड़ी पड़वा, कर्नाटक युगादि, आंध्रा और तेलंगाना में उगादी, कश्मीर में नवरेह, ...
6
7
Rules for giving water in Tulsi : तुलसी के पौधे को साक्षात मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। तुलसी कथा के अनुसार पहले यह वृंदा नाम की एक पवित्र महिला थी। श्रीहरि विष्णु की कृपा से जिसने पौधे का रूप ले लिया था। तुलसी के विभिन्न प्रकार के पौधे मिलते ...
7
8
हिन्दू नववर्ष को हर राज्य में अलग अलग नाम से जाना जाता है। महाराष्ट्र में इसे गुड़ी पड़वा कहते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार नववर्ष का प्रारंभ 22 मार्च बुधवार 2023 को हो रहा है। इस नववर्ष विक्रम संवत को कर्नाटक में युगादि, आंध्रा और ...
8
9
दिन और रात के 30 मुहूर्तों में से एक मुहूर्त है ब्रह्म मुहूर्त। यह मुहूर्त उषा काल में आता है। यह मुहूर्त बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाता है। बिजली के आने के पहले प्राचीन काल के लोग इसी मुहूर्त में उठकर अपने नित्य और दैनिक कार्य शुरू कर देते थे। आओ ...
9
10
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी को शीतला सप्तमी और अष्टमी को शीतलाष्टमी मनाई जाती है। शीतलाष्टमी देशभर में अलग-अलग जगह पर शुक्ल और कृष्ण पक्ष की तिथियों पर मनाया जाता है। इस पर्व को बसोरा या बरोड़ भी कहते हैं। बसोरा का अर्थ है बासी भोजन। शीतला ...
10
11
12 Sankranti : सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में गोचर या भ्रमण को संक्रांति कहते हैं। वर्ष में 12 संक्रांतियां होती हैं, जिन्हें मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ और मीन के नाम से जाना जाता है। यही सौर मास के महीनों ...
11
12
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार त्रेतायुग के प्रारंभ में श्रीहरि विष्णु ने धूलि वंदन किया, इसका अर्थ यह है कि 'उस युग में श्री विष्णु ने अलग-अलग तेजोमय रंगों से अवतार कार्य का आरंभ किया। रंगपंचमी के दिन कई स्थानों पर एक-दूसरे के शरीर पर रंग व गुलाल ...
12
13
हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन होता है और दूसरे दिन धुलेंडी का पर्व मनाया जाता है। इसके बाद पंचमी को रंग पंचमी मनाई जाती है। धुलेंडी और रंगपंचमी के दिन रंगों से होली खेली जाती है। हर राज्य में इस उत्सव को अगल अलग ...
13
14
Why celebrate Rangpanchami: अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार रंग पंचमी का त्योहार 12 मार्च रविवार को रहेगा। रंग पंचमी का पर्व होली के बाद चैत्र माह की कृष्ण पंचमी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार रंगों का यह उत्सव चैत्र मास की कृष्ण ...
14
15
कर्नाटक के पुराने मैसूर हासन जिला स्थित हसनंबा मंदिर को बहुत ही रहस्यमय माना जाता है। आज तक इस रहस्य को कोई नहीं समझ पाया कि आखिर ऐसा कैसे होता है? यह मंदिर वर्ष भर में सिर्फ एक हफ्ते के लिए खुलता है। जब यह खुलता है तो यहां पर हजारों की संख्या में ...
15
16
हिन्दू धर्म में गुरुवार के दिन को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इसे सभी वारों में सर्वश्रेष्ठ वार माना जाता है। गुरुवार के बाद रविवार और मंगलवार का नंबर आता है। अधिकतर घरों में गुरुवार का व्रत रखा जाता है। गुरुवार के दिन पीपल और केले की पूजा का खास ...
16
17
rangbhari ekadashi 2023 : फाल्गुन शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को रंगभरी एकादशी कहते हैं। रंगभरी एकादशी होली से कुछ दिन पहले मनाई जाती है, इस वर्ष यह पर्व 3 मार्च 2023, शुक्रवार को मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं इस एकादशी के बारे में खास जानकारी- ...
17
18
भगवान श्रीकृष्ण के वरदान के चलते कलियुग में आज भीम के पुत्र घटोत्कच और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक को ही खाटू श्यामजी के नाम से पूजा जाता है। वे बहुत शक्तिशाली थे। जहां श्री कृष्ण ने उनका कटा हुए शीश रखा था उस स्थान का नाम खाटू है। यहां पर प्रतिवर्ष ...
18
19
राजस्थान के शेखावाटी के सीकर जिले में स्थित है परमधाम खाटू। यहां विराजित हैं खाटू श्यामजी। खाटू का श्याम मंदिर बहुत ही प्राचीन है। यहां पर प्रतिवर्ष फाल्गुन माह शुक्ल षष्ठी से बारस तक यह मेला लगता है। श्याम बाबा की महिमा का बखान करने वाले भक्त ...
19